Gold price today: रुस और यूक्रेन के बीच शांतिवार्ता में कोई खास प्रगति ना होने और अमेरिका में महंगाई दर के फ्रेश 40 ईयर हाई पर पहुंचने के साथ ही एमसीएक्स पर गोल्ड के जून कॉन्ट्रैक्ट के भाव शुक्रवार को 53000 का लेवल छुते नजर आए। हालांकि गोल्ड इस लेवल पर टिके रहने में कामयाब नहीं रहा और इस मनोवैज्ञानिक स्तर से मामूली फिसलन के साथ 52,991 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ।
इसी तरह अंतराष्ट्रीय बाजार में भी गोल्ड का हाजिर भाव 1974 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ और इसने क्लोजिंग बेसिस पर 1970 डॉलर प्रति औंस पर ब्रेकआउट देखने को मिला ।
Religare Broking के सुगंधा सचदेव का कहना है कि रूस और यूक्रेन के संघर्ष का कोई समाधान ना निकलने के साथ ही लगातार दूसरे हफ्ते गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके अलावा दुनिया भर से आ रहे महंगाई के आंकड़े भी बाजार सेटिमेंट पर अपना असर डाले रहे है। अमेरिका में वार्षिक आधार पर खुदरा महंगाई दर मार्च महीने में 8.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई जो पिछले 40 वर्षों का नया रिकॉर्ड हाई है।
वहीं यूएस की थोक महंगाई दर में भी वार्षिक आधार पर 11.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसी तरह इंग्लैंड से भी मार्च महीने में भी महंगाई के आंकड़े नए ऊंचाई पर जाते नजर आए है। इन कारणों के चलते निवेशक बढ़ती महंगाई के खिलाफ हेजिंग करने के नजरिए से सोने में खरीदारी करते नजर आए है। इसके अलावा कच्चे तेल और नेचुरल गैस में भी इस हफ्ते काफी बढ़त आई है। जिससे पूरी दुनिया में और महंगाई आने की चिंता बढ़ गई है।
उन्होंने आगे कहा कि सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें, बढ़ती महंगाई और बढ़ते जियोपॉलिटिकल तनाव ने स्टॉक मार्केट से जुड़ी चिंताएं बढ़ा दी है जिससे चलते सोने की सुरक्षित विकल्प निवेश में मजबूती आई है जिसके चलते सोने में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
इसी तरह IIFL Securities के अनुज गुप्ता का कहना है कि भारत में शादियां का मौसम शुरु हो गया है। इसके अलावा रूस-यूक्रेन संघर्ष और बढ़ती महंगाई भी सोने के लिए ग्रोथ ईंधन का काम कर रहें है। जिसको देखते हुए उम्मीद है कि अंतराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का भाव 2000 डॉलर से 2020 डॉलर प्रति औंस तक जाता नजर आ सकता है। वहीं घरेलू बाजार में इसके भाव 53,500 रुपये से 53,800 का स्तर छुते नजर आ सकते है।
अनुज गुप्ता का कहना है कि जिन्होंने सोने में निवेश कर रखा है उनको अपनी पोजिशन बनाए रखनी चाहिए और 2020 डॉलर पर पहुंचने पर इसमें मुनाफावसूली करनी चाहिए जबकि शॉर्ट टर्म निवेशकों को सलाह होगी कि वह किसी गिरावट में सोने में नया निवेश कर सकते है।