वित्त मंत्रालय द्वारा 16 सितंबर को जारी एक सर्कुलर के अनुसार भारत सरकार ने स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 13,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 10,500 रुपये प्रति टन कर दिया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने डीजल और एटीएफ के निर्यात पर टैक्स को भी कम कर दिया है।
यह निर्णय पांचवें पखवाड़े की समीक्षा में आया। जब केंद्र को महसूस हुआ कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक है। ये अधिसूचना 17 सितंबर से लागू होगी।
सर्कुलर के अनुसार डीजल के निर्यात पर उपकर 13.5 रुपये से घटाकर 6.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया। जबकि एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) निर्यात पर कर 9 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 8.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।
क्रूड पर विंडफॉल टैक्स, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ पर निर्यात शुल्क में बदलाव 30 जून को पहली बार की गई घोषणा के बाद आया है।
इस महीने अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें गिरकर छह महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं, जिससे विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स में कमी आई है।
भारत द्वारा खरीदा जाने वाला कच्चे तेल का भाव सितंबर में औसतन 92.67 डॉलर प्रति बैरल रहा, जबकि पिछले महीने यह 97.40 डॉलर रहा था।
भारत ने पहली बार 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया था। ऐसा करके भार उन देशों की में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के सुपर सामान्य मुनाफे पर कर लगाते हैं। लेकिन तब से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें कम हो गई हैं। इससे तेल उत्पादकों और रिफाइनर दोनों के प्रॉफिट मार्जिन में कमी आई है।
1 जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था। डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) टैक्स लगाया गया था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का विंडफॉल टैक्स भी लगाया गया था।
पिछले 20 जुलाई, 2 अगस्त, 19 अगस्त और 1 सितंबर को चार राउंड में शुल्क को आंशिक रूप से एडजस्ट किया गया था। पेट्रोल पर से इसे हटा दिया गया था।