सरकार ने मसूर दाल पर 10 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा देश में उपलब्धता बढ़ाने के लिए पीली मटर के ड्यूटी-फ्री इंपोर्ट को 3 महीने यानि इस साल 31 मई तक बढ़ा दिया है। इस बारे में सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके अलावा सरकार ने 8 मार्च से दालों पर 5 प्रतिशत बेसिक कस्टम ड्यूटी और 5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) लगाया है।
अभी तक दालों के इंपोर्ट को ड्यूटी-फ्री रखा गया था। सरकार ने शुरुआत में दिसंबर, 2023 में पीली मटर के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की इजाजत दी थी और बाद में इसे 28 फरवरी तक 3 बार बढ़ाया था। अनुमान के मुताबिक, 2024 के दौरान दालों का कुल 67 लाख टन इंपोर्ट हुआ। इसमें पीली मटर का हिस्सा 30 लाख टन रहा।
टूटे चावल के निर्यात पर रोक हटी
एक खबर यह भी है कि सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर रोक को हटा लिया है। यह रोक सितंबर 2022 में लगाई गई थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा है, "टूटे चावल की एक्सपोर्ट पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से 'प्रतिबंधित से फ्री' में संशोधित किया गया है।" एक्सपोर्टर्स की ओर से सरकार से इनवेंट्री में वृद्धि के कारण शिपमेंट की इजाजत देने की अपील की गई थी। पिछले साल, सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के विदेशी शिपमेंट पर 490 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को हटा दिया था और इस किस्म के शिपमेंट पर पूर्ण प्रतिबंध हटा लिया था।
ये उपाय ऐसे समय में किए गए हैं, जब देश के सरकारी गोदामों में चावल का पर्याप्त स्टॉक है और खुदरा कीमतें भी नियंत्रण में हैं। वर्ष 2023-24 में भारत ने गांबिया, बेनिन, सेनेगल और इंडोनेशिया जैसे देशों को 19.45 करोड़ डॉलर का टूटा चावल एक्सपोर्ट किया। वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 98.34 करोड़ डॉलर और वर्ष 2021-22 में 1.13 अरब डॉलर था।