लैब ग्रोन गहनों की मांग में तेजी देखने को मिल रही। हालांकि नैचुरल और लैब ग्रोन डायमंड में कोई फर्क नहीं। दोनों का ही सर्टिफिकेशन होता है। यूएस का ट्रेंड अब भारत में भी आ रहा है। यहीं कारण है कि लैब ग्रोन गहनों की मांग में तेजी से बढ़ रही है। यह कहना है कि अकोइरा के CEO कार्तिकेयन विष्णु । उन्होंने कहा कि युवाओं में लैब ग्रोन डायमंड की मांग ज्यादा है ।
सोने की कीमतों में इतना उछाल आने के बाद भी हमने अपने प्रोडक्ट के प्राइसिंग को उस रेंज में रखा है जो कंज्यूमर को परेशान नहीं कर रही है । जिसके कारण भी हमारे प्रोडक्ट की डिमांड बनी हुई है।
कार्तिकेयन विष्णु ने कहा कि है कि कंज्यूमर में नैचुरल डायमंड और लैब ग्रोन गहनों को लेकर स्पष्टता (क्लैरिटी) समझ आ रही है। लैब ग्रोन डायमंड बाजार में प्राइस में करेक्शन और स्टेबिलिटी देख रहे है उसके नीचे कीमतें गिरने की संभावना नहीं है।
कार्तिकेयन विष्णु ने बताया कि पहले इगेजमेंट के लिए कंज्यूमर लैब ग्रोन गहनों का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब कंज्यूमर गिफ्टिंग, खुद के लिए, शादियों के लिए ज्यादा इस्तेमाल कर रहे है। युवाओं में लैब ग्रोन डायमंड की मांग ज्यादा है ।
कीमतों के अंतर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 1 कैरेट नैचुरल डायमंड का भाव 4 लाख रुपये है। वहीं 1 कैरेट लैब ग्रोन डायमंड का भाव 40,000 रुपये पर है। अकोइरा के सभी गहनों का इंश्योरेंस होता है। यूएस का ट्रेंड अब भारत में भी आ रहा है।
इस बीच सीएनबीसी -टीवी 18 से बात करते हुए इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (IGI) के एमडी और सीईओ तहमास्प प्रिंटर (Tehmasp Printer) ने लैब ग्रोन डायमंड पहली बार लग्ज़री बाज़ार में प्रवेश करने वाले मिलेनियल्स और जेनरेशन ज़ेड ( Gen Z) कंज्यूमर के लिए पसंदीदा विकल्प बन कर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अभी भी सबसे बड़ा बाज़ार बना हुआ है लेकिन भारत तेज़ी से उसकी बराबरी कर रहा है।