ऑयल सेक्रेटरी पंकज जैन का कहना है कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भारत जैसे देश के लिए चिंता का विषय है, जो ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा इंपोर्टर है। एक कार्यक्रम के मौके पर उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी चिंता और परेशानी पैदा करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है, उन्होंने कहा कि अगर तेल की कीमतें एक महीना तक ऊंची बनी रहती हैं, तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां उचित फैसला करेंगी।
ऑयल सेक्रेटरी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब ब्रेंट क्रू़ड 89 डॉलर प्रति बैरल के पार चुका है। ब्रेंट क्रू़ड अक्टूबर के बाद पहली बार 89 डॉलर के पार पहुंचा है। रूस के एनर्जी सेंटर्स पर यूक्रेन के हमले और मध्य पूर्व देशों में तनाव बढ़ने से ऑयल की सप्लाई को लेकर दिक्कतें बढ़ गई हैं। जून डिलीवरी के लिए ब्रेंड फ्यूचर्स 89.08 डॉलर प्रति बैरल के पीक पर पहुंचने के बाद 88.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
रूस दुनिया के तीन प्रमुख तेल उत्पादक देशों में शामिल है और वह कच्चे तेल का बड़ा एक्सपोर्टर भी है। हालांकि, रूस को यूक्रेन द्वारा ऑयल रिफाइनरीज पर हमले का सामना करना पड़ रहा है। रूस ने भी यूक्रेन के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला किया है। इस बीच, मध्य पूर्व में ईरान ने इजराइल के हवाई हमले का बदलना लेने का संकल्प दोहराया है। सीरिया की राजधानी दमिश्क में मौजूद ईरान के दूतावास पर हुई इस हवाई हमले में उसके दो टॉप जनरल और 5 अन्य मिलिट्री एडवाइजर मारे गए थे।