Silver hits all-time high : सोमवार, 1 सितंबर को भारत में चांदी अपने ऑलटाइम हाई पर खुली। रुपये में कमजोर और मजबूत ग्लोबल संकेतों केदम पर चांदी की कीमतें 1.23 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी चांदी सितंबर 2011 के बाद पहली बार 40 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई। इंडस्ट्रियल मांग में तेजी,निवेश में मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति में नरमी की बढ़ती उम्मीदों के कारण हाजिर बाजार में चांदी का भाव 1.6 फीसदी बढ़कर 40.31 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है।
2028 तक चांदी की कीमत 2 लाख रुपये के पार जाने की उम्मीद
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कमोडिटी मार्केट के जानकारों का अनुमान है कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहता तो 2028 तक चांदी की कीमत 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।
रुपए की कमजोरी से भी मिला सपोर्ट
चांदी में यह तेजी ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितता और हमारी करेंसी की कमजोरी के साथ आई है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के ऑलटाइम लो पर गिरने से घरेलू सर्राफा कीमतों में तेजी आई है। इससे चांदी वैश्विक बेंचमार्क से ऊपर पहुंच गई है।
चांदी के लिए एक लेवल हैं अहम
मेहता इक्विटीज़ के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी) राहुल कलंत्री का कहना है कि बढ़ते ट्रेड तनाव के कारण ग्लोबल और घरेलू स्तर पर चांदी की कीमतों में तेजी आई है। कमजोर रुपया भी इस तेजी को और बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में चांदी को तत्काल स्तर पर 1.19 -1.18 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर सपोर्ट है। वहीं, ऊपर की ओर 1.20 -1.21 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर रेजिस्टेंस नजर आ रहा।
निवेशकों की नजर अब अमेरिकी गैर-कृषि वेतन आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के फैसले पर
ग्लोबल बाजार में चांदी के 40 डॉलर से ऊपर जाने के साथ, निवेशकों की नजर अब आगामी अमेरिकी गैर-कृषि वेतन के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के सितंबर के फैसले पर रहेगी। ये दोनों फैक्टर सोने-चांदी की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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