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Silver Prices: धनतेरस के दिन 6% से अधिक गिरा चांदी का भाव, पिछले 6 महीने की सबसे बड़ी गिरावट

Silver Prices: धनतेरस के दिन निवेशकों के लिए चांदी की चमक फीकी पड़ गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में 6% से अधिक की गिरावट आई, जो पिछले छह महीनों में इसकी सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। चांदी के दाम में हालिया तेज उछाल के बाद शुक्रवार को निवेशकों ने भारी मुनाफावसूली की, जिससे बाजार में गिरावट देखी गई

अपडेटेड Oct 18, 2025 पर 3:44 PM
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Silver Prices: शुक्रवार को चांदी की कीमत $54.50 प्रति औंस के करीब पहुंच गई थी

Silver Prices: धनतेरस के मौके पर चांदी की चमक कुछ फीकी पड़ गई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी के दाम 6% से अधिक की गिरावट आई, जो पिछले छह महीनों में इसकी सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। चांदी के दाम में हालिया तेज उछाल के बाद शुक्रवार को निवेशकों ने इसमें भारी मुनाफावसूली की, जिससे बाजार में गिरावट देखी गई।

चांदी के दाम में क्यों आई गिरावट?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में क्रेडिट क्वालिटी से जुड़ी चिंताओं में कमी और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में नरमी ने सुरक्षित निवेश के रूप में सोना और चांदी की मांग को कम कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने भी शुक्रवार को व्यापार तनाव से जुड़ी चिंताओं को कुछ कम किया।

वहीं अमेरिका के रिजनल बैंकों के अच्छे नतीजों से शेयर बाजार में भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी हुई। आम तौर पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर सोना-चांदी जैसी धातुओं के दाम पर नेगेविट असर होता है।


लंदन के सिल्वर मार्केट में ऐतिहासिक "संकट" में राहत

लंदन के सिल्वर मार्केट में पिछले दो हफ्तों से जारी “सप्लाई की कमी” अब धीरे-धीरे कम हो रही है। MKS Pamp SA की मेटल स्ट्रैटेजी हेड निक्की शील्स ने कहा, “लंदन में चांदी की कमी अब थोड़ी कम हो रही है। जैसे-जैसे रिजनल असंतुलन घटेंगे, निवेशक मुनाफा बुक कर सकते हैं और कीमतों पर दबाव बन सकता है।”

तेजी के बाद आई तगड़ी गिरावट

इससे पहले चांदी की कीमतों में इस हफ्ते रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली थी। शुक्रवार को गिरावट से पहले इसकी कीमत $54.50 प्रति औंस के करीब पहुंच गई थी, जो इसका नया ऑलटाइम हाई है। लेकिन इसके बाद शुरू हुई मुनाफावसूली से अब इसका दाम इस स्तर से नीचे आ गया है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) के अनुसार सितंबर के आखिर से ही निवेशक बड़ी मात्रा में चांदी खरीद रहे थे, जिससे कीमतों में अधिक गर्मी आ गई थी। अब बाजार में “कूलिंग ऑफ” फेज शुरू हो चुका है। सोने में भी इसी तरह की स्थिति देखी जा रही है। हालांकि, सोने की कीमतें इस साल अब तक 60% से अधिक बढ़ी हैं, जिसे सेंट्रल बैंकों की खरीदारी और ETF निवेशों ने समर्थन दिया है।

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