सरकार पीली मटर दाल के ड्यूटी फ्री आयात को बंद करने की तैयारी कर रही है। पीली मटर दाल का फ्री इंपोर्ट फरवरी में खत्म हो रहा है । सरकार ड्यूटी फ्री इंपोर्ट 28 फरवरी से आगे नहीं बढ़ाएगी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार जल्दी ही इस पर फैसला लेगी। पिछले साल पीली मटर का 30 लाख टन का इंपोर्ट हुआ था। ड्यूटी फ्री इंपोर्ट के बंद होने से किसानों को फायदा होगा।गौरतलब है कि सरकार ने दिसंबर 2023 में ड्यूटी फ्री इंपोर्ट को मंजूरी दी थी। बाद में इसे 3 बार बढ़ाकर 28 फरवरी 2025 तक किया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि दलहन उत्पादन का आकलन करने के बाद दालों के शुल्क मुक्त आयात की नीति की समीक्षा करेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2027 तक भारत दलहन के मामले में आत्मनिर्भर होगा। इसके लिए दालों की पैदावार बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है।
भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (IPGA) के चेयरमैन बिमल कोठारी ने सीएनबीसी-आवाज से बातचीत करते हुए पिछले साल मॉनसून अच्छा था तो उत्पादन अच्छा था। सरकार ने किसानों को खरीद का आश्वासन दिया है। चेयरमैन बिमल ने आगे कहा कि सस्ती दालों का इंपोर्ट को रोकने की मांग की है।
बिमल कोठारी ने कहा कि पिछले साल दालों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था और कीमतें बहुत ज़्यादा थीं, इसलिए हमें आयात करना पड़ा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस साल हम इतनी ही मात्रा में आयात करेंगे, यह बहुत कम होगा।
देश में घट रही सोयाबीन की मांग
क्या देश में सोयाबीन की मांग घट रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल के मुकाबले सोयाबीन की उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन पेराई और खपत दोनों घटी है। SOPA के ईडी डी.एन. पाठक ने कहा कि सोयाबीन की मांग नहीं बढ़ रही है। सोयाबीन की 30 मिलियन टन सप्लाई बढ़ी है। जनवरी में 2.75 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ। 4 महीने में 8 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ। सोयाबीन के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। सोयाबीन के दाम MSP से नीचे चले रहे हैं।