देश के हर कोने में आम की कोई न कोई खास किस्म मिलती है, जिसकी अपनी अलग पहचान, स्वाद, रंग और सुगंध होती है। भारत में करीब 1,400 से अधिक आम की किस्में पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही किस्में बाजार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी हैं।
देश के हर कोने में आम की कोई न कोई खास किस्म मिलती है, जिसकी अपनी अलग पहचान, स्वाद, रंग और सुगंध होती है। भारत में करीब 1,400 से अधिक आम की किस्में पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही किस्में बाजार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी हैं।
अल्फांसो (हापुस): महाराष्ट्र का सोना
महाराष्ट्र के रत्नागिरी, देवगढ़ और सिंधुदुर्ग जिलों में पैदा होने वाला अल्फांसो आम, जिसे हापुस भी कहते हैं, दुनिया के सबसे प्रीमियम आमों में शुमार है। इसका गूदा गहरा पीला, रेशे रहित और बेहद मीठा होता है। अल्फांसो आम की खुशबू और स्वाद इतनी खास है कि इसे एक्सपोर्ट क्वालिटी का आम माना जाता है। 2025 में अल्फांसो की कीमत ₹400 से ₹1,500 प्रति किलो तक पहुंच गई है। मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में यह आम सबसे ज्यादा डिमांड में रहता है।
केसर: गुजरात की शान
गुजरात के जूनागढ़ और गिर क्षेत्र में पैदा होने वाला केसर आम अपने केसरिया रंग और तेज खुशबू के लिए मशहूर है। मिठाई, मिल्कशेक और आइसक्रीम में इसका खूब इस्तेमाल होता है। केसर आम की कीमत इस साल ₹300 से ₹1,000 प्रति किलो के बीच रही है। इसकी खास बात यह है कि यह जल्दी पकने वाला और लंबे समय तक टिकने वाला आम है।
दशहरी: उत्तर भारत की जान
उत्तर प्रदेश के लखनऊ और मलिहाबाद क्षेत्र में पैदा होने वाला दशहरी आम अपने लंबे आकार, पतली गुठली और रसीले गूदे के लिए जाना जाता है। बच्चों और बड़ों दोनों की यह पहली पसंद है। दशहरी आम की कीमत 2025 में ₹80 से ₹250 प्रति किलो के बीच रही है। यह आम उत्तर भारत के बाजारों में सबसे ज्यादा बिकने वाला आम है।
लंगड़ा: बनारस की खासियत
लंगड़ा आम खासतौर पर वाराणसी, बिहार और बंगाल में उगाया जाता है। इसका हरा रंग, फाइबर रहित गूदा और तीखा स्वाद इसे बाकी आमों से अलग बनाता है। लंगड़ा आम की कीमत ₹100 से ₹300 प्रति किलो तक है। यह आम देश-विदेश में निर्यात भी किया जाता है।
चौसा: देरी से पकने वाला मीठा आम
हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में मिलने वाला चौसा आम देर से पकने वाला और बेहद मीठा होता है। इसकी कीमत ₹100 से ₹350 प्रति किलो तक है। चौसा आम की सबसे बड़ी खासियत है कि यह देर तक ताजा रहता है और लंबी दूरी तक भेजा जा सकता है।
सफेदा (बंगनपल्ली): आंध्र प्रदेश का प्राइड
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पैदा होने वाला सफेदा या बंगनपल्ली आम हल्के पीले रंग, पतली गुठली और कम फाइबर के लिए जाना जाता है। इसकी कीमत ₹120 से ₹350 प्रति किलो के बीच है। यह आम दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।
तोतापुरी: अचार और पल्प के लिए बेस्ट
कर्नाटक, आंध्र और तमिलनाडु में मिलने वाला तोतापुरी आम लंबा और नुकीला होता है। इसका स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है और यह अचार, पल्प और जूस के लिए सबसे उपयुक्त है। 2025 में इसकी कीमत ₹60 से ₹200 प्रति किलो रही है।
नीलम: सुगंधित और छोटा आम
दक्षिण भारत में उगाया जाने वाला नीलम आम छोटा, सुगंधित और बेहद मीठा होता है। इसकी कीमत ₹100 से ₹250 प्रति किलो है। यह आम देर से पकता है और मानसून के आखिर तक बाजार में मिलता है।
जरदालू: बिहार-बंगाल की खास किस्म
बिहार और बंगाल की जरदालू किस्म सुनहरे रंग, हल्की मिठास और खास खुशबू के लिए जानी जाती है। इसे GI टैग भी मिला है। इसकी कीमत ₹150 से ₹400 प्रति किलो तक है।
हिमसागर: बंगाल और उड़ीसा का पसंदीदा
हिमसागर आम पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में बहुत लोकप्रिय है। इसका गूदा रेशे रहित और खुशबू तीखी होती है। इस आम की कीमत ₹200 से ₹500 प्रति किलो तक है।
आम्रपाली और मल्लिका: हाइब्रिड किस्में
आम्रपाली और मल्लिका उत्तर भारत की हाइब्रिड किस्में हैं, जो छोटे आकार, गहरे रंग और रसदार स्वाद के लिए पसंद की जाती हैं। इनकी कीमत ₹80 से ₹250 प्रति किलो तक है।
कीमतों का गणित
2025 में देश में आम का औसत थोक भाव ₹9,800–₹10,000 प्रति क्विंटल (₹98–₹100 प्रति किलो) है। प्रीमियम किस्मों की कीमतें बड़े शहरों में ₹400–₹1,500 प्रति किलो तक जाती हैं, जबकि आम किस्में ₹60–₹350 प्रति किलो में उपलब्ध हैं। मंडियों में न्यूनतम भाव ₹10/किलो और अधिकतम ₹300/किलो तक दर्ज किए गए हैं।
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