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दिवाली से पहले दाल हुई सस्ती, अरहर दाल के लिए चुकाना होगा बस इतना

पिछले साल के मुकाबले इस साल खरीफ दालों की बुआई 7 फीसदी ज्यादा हुई थी। और फसल की कंडीशन भी काफी अच्छी है। वहीं अब रबी की बुआई की तैयारी चल रही है। खरे का कहना है कि कृषि विभाग दाल उत्पादन वाले राज्यों पर फोकस कर रहा है ताकि दालों में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके

अपडेटेड Oct 08, 2024 पर 6:34 PM
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फेस्टिव सीजन में दाल की महंगाई घटने से आम लोगों को काफी राहत मिली है

पिछले तीन महीनों में दाल की कीमतें करीब 10 फीसदी सस्ती हो चुकी हैं। फेस्टिव सीजन में दाल की महंगाई घटने से आम लोगों को काफी राहत मिली है। इंदौर की मंडी में इस साल जुलाई में अरहर (तूर) दाल की कीमत 118 रुपए किलो थी। जो अब 4 अक्टूबर को घटकर 99 रुपए प्रति किलो हो चुकी है। अगर इस साल जुलाई से अब तक देखें तो तूर दाल की कीमतों में 16 फीसदी की कमी आई है।

चना दाल की कीमतों में इजाफा

हालांकि पिछले तीन चार महीनों में चना दाल की कीमतों में इजाफा हुआ है। इंदौर मंडी में चना दाल का भाव इस साल जुलाई को 69 रुपए किलो था जो अब 4 अक्टूबर को बढ़कर 76 रुपए किलो पहुंच गया है। यानि इस दौरान चना दाल की कीमतों में 10 फीसदी की तेजी आई है।


सस्ती हुई उरद दाल

इस बीच इन तीन-चार महीनों में उरद की दाल भी सस्ती हुई है। अगर हम इंदौर मंडी की बात करें तो 3 जुलाई को यहां उरद दाल की कीमत 93 रुपए प्रति किलो थी। जो 4 अक्टूब को घटकर 82 रुपए प्रति किलो पर आ गई है। इस हिसाब से पिछले तीन-चार महीनों में उरद दाल की कीमतों में 12 फीसदी की कमी आ चुकी है।

कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट की सेक्रेटरी निधि खरे ने कहा, पिछले साल के मुकाबले इस साल खरीफ दालों की बुआई 7 फीसदी ज्यादा हुई थी। और फसल की कंडीशन भी काफी अच्छी है। वहीं अब रबी की बुआई की तैयारी चल रही है। खरे का कहना है कि कृषि विभाग दाल उत्पादन वाले राज्यों पर फोकस कर रहा है ताकि दालों में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके।

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