Common Stocks and Uncommon Profits के ऑथर फिलिप फिशर ने एकबार कहा था कि शेयर बाजार ऐसे लोगों से भरा हुआ है जो सबकी कीमत तो जानते हैं लेकिन वैल्यू के बारे में कोई आइडिया नहीं होता।

इंडियन शेयर मार्केट के लिए फिलहाल ये बातें सही हैं। एकतरफ बेंचमार्क सूचकांक नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं और दूसरी तरफ शेयरों में कोई तेजी नहीं है। ऐसे में कुछ प्रमोटर्स शेयरों की कीमत गिरने का फायदा उठाकर उनमें अपना निवेश बढ़ा रहे हैं।

मार्च 2019 को खत्म चौथी तिमाही में प्रमोटर्स ने BSE की 479 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली। 26 अप्रैल तक एक्सचेंज पर उपलब्ध आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। जिन ब्लीचिप कंपनियों में प्रमोटर ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है उनमें RIL, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, बजाज ऑटो, JSW स्टील, टाटा मोटर्स और इलाहाबाद बैंक शामिल है।

किसी भी कंपनी के बारे में सबसे पु्ख्ता जानकारी प्रमोटर्स के पास होती है। ऐसे में अगर प्रमोटर अपनी कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं तो निश्चित तौर पर यह निवेशकों के लिए अच्छे संकेत हैं।

KIFS ट्रेड कैपिटल के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर रितेश अशहर ने मनीकंट्रोल से कहा, जब कोई प्रमोटर अपनी किसी कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाता है तो बाजार को पॉजिटिव संकेत मिलता है। प्रमोटर अपने शेयरों पर तभी दांव लगाता है जब उसे पूरा भरोसा हो कि नियर टर्म में उसे फायदा हो सकता है।

जिन 479 कंपनियों में प्रमोटर ने हिस्सेदारी बढ़ाई है उनमें से 65 फीसदी शेयरों में 75 फीसदी तक गिरावट आ चुकी है।

गिरावट के बावजूद जिन कंपनियों में प्रमोटर्स ने हिस्सेदारी बढ़ाई है उनमें IDBI बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, फ्यूचर रिटेल, एल्केम लैब्स, इंडियाबुल्स वेंचर्स, बॉश और डाबर इंडिया है।

सोच समझकर करें निवेश

जब भी कोई प्रमोटर अपनी कंपनी में निवेश बढ़ाता है तो आम निवेशकों को उसके पीछे की मंशा जानना जरूरी है। इसीलिए कभी भी निवेश से पहले कंपनी के बहीखातों को समझना ना भूलें। पहले यह जान लें कि प्रमोटर निवेशकों को धोखा देने के लिए तो अपनी हिस्सेदारी नहीं बढ़ा रहा है। कई बार प्रमोटर्स धोखा देने के लिए ऐसा करते हैं। इसलिए अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो पहले कंपनी की आमदनी, प्रॉफिट और लॉस पर नजर जरूर डालें।