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TCS Earnings Preview : आय में तिमाही आधार पर दिख सकती है 4% की बढ़त, मुनाफा सपाट रहने की उम्मीद

तिमाही दर तिमाही आधार पर पहली तिमाही में TCS की EBIT 24.96 फीसदी से घटकर 23.7 फीसदी पर आ सकती है। वहीं, मुनाफा 1.2 फीसदी घटकर 9926 करोड़ रुपए के मुकाबले 9807 करोड़ रुपए पर आ सकता है

अपडेटेड Jul 07, 2022 पर 4:48 PM
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पहली तिमाही में कंपनी को मिलने वाली नई डील में मजबूती का अनुमान है। इसी तरह वेतन बढ़ोतरी भी अनुमान के मुताबिक रह सकती है

TCS Earnings Preview : कल TCS के पहली तिमाही के नतीजे आएंगे। TCS नतीजों से पहले आज IT शेयर जोश में दिखे। निफ्टी का आईटी इंडेक्स आज 0.67 फीसदी की तेजी के साथ 28,196.35 के स्तर पर बंद हुआ है। अनुमान है कि TCS का डॉलर रेवेन्यू करीब 2 फीसदी बढ़ सकता है। हालांकि इसके मार्जिन और मुनाफे पर हल्का दबाव देखने को मिल सकता है। नतीजों से पहले TCS आज एनएसई पर 27.10 रुपए याना 0.83 फीसदी की बढ़त के साथ 3287.85 के स्तर पर बंद हुआ है।

सीएनबीसी-आवाज़ के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में TCS की डॉलर में होने वाली आय तिमाही आधार पर 1.7 फीसदी की बढ़त के साथ 681.2 करोड़ डॉलर पर रह सकती है जो पिछली तिमाही में 669.6 करोड़ डॉलर रही थी। तिमाही आधार पर पहली तिमाही में कंपनी की रुपए में होने वाली आय 4 फीसदी बढ़कर 52615 करोड़ रुपए पर आ सकती है जो पिछली तिमाही में 50591 करोड़ रुपए रही थी।

तिमाही दर तिमाही आधार पर पहली तिमाही में TCS की EBIT 24.96 फीसदी से घटकर 23.7 फीसदी पर आ सकती है। वहीं, मुनाफा 1.2 फीसदी घटकर 9926 करोड़ रुपए के मुकाबले 9807 करोड़ रुपए पर आ सकता है।


बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में TCS की डॉलर रेवेन्यू ग्रोथ 2.6 फीसदी रही थी। जिसके 2022-23 की पहली तिमाही में 1.7 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसी तरह वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में TCS की कॉन्सटेंट करेंसी रेवेन्यू ग्रोथ 3.2 फीसदी रही थी। जिसके 2022-23 की पहली तिमाही में 4 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसके अलावा क्रास करेंसी की चुनौती से मार्जिन पर 1.8 फीसदी का असर संभव है। डॉलर के मुकाबले पाउंड जैसी करेंसी कमजोर हुई है। इसका असर देखने को मिलेगा। इसके अलावा पहली तिमाही में कंपनी को मिलने वाली नई डील में मजबूती का अनुमान है। इसी तरह वेतन बढ़ोतरी भी अनुमान के मुताबिक रह सकती है।

टीसीएस से हटकर पूरे आईटी सेक्टर की बात करें कोटक का कहना है कि IT शेयर ऊपरी स्तरों से करेक्ट हुए हैं। मंदी के हालात को IT शेयरों ने पूरी तरह नहीं पचाया है। वहीं, CLSA का कहना है कि इकोनॉमी की अनिश्चितता से IT सेक्टर की चुनौती बढ़ी है। 20-50 फीसदी करेक्शन के बावजूद वैल्युएशन को लेकर चिंता बनी हुई है। वहीं, USB का कहना है कि गाइडेंस बढ़ाने के बाद ही आईटी शेयरों में तेजी संभव है। दूसरी छमाही में डिमांड की तस्वीर साफ नहीं है।

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