HDFB Bank में HDFC का विलय जून-जुलाई तक हो जाएगा। इससे एचडीएफसी बैंक के लिए ग्रोथ के ज्यादा मौके उपलब्ध होंगे। इसका असर पूरे बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) पर पड़ने की उम्मीद है। मनीकंट्रोल ने एचडीएफसी के वाइस-चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री (Keki Mistry) से इस बारे में बातचीत की। मिस्त्री ने एचडीएफसी बैंक के फ्यूचर प्लान, अपनी भूमिका सहित कई मसलों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बैंक के ज्यादा से ज्यादा ब्रांचेज के जरिए हाउसिंग लोन की सुविधा ग्राहकों को उपलब्ध कराने का प्लान है। उन्होंने कहा कि इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक के लिए एचडीएफसी के मुकाबले हाउसिंग लोन में ग्रोथ के ज्यादा मौके उपलब्ध होंगे।
एचडीएफसी ने 4 अप्रैल को कहा था कि उसके बोर्ड ने HDFC Bank में एचडीएफसी इनवेस्टमेंट लिमिटेड और एचडीएफसी होल्डिंग्स के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्लान के तहत ट्रांसफॉर्मेशनल मर्जर के जरिए एचडीएफसी 41 फीसदी हिस्सेदारी एचडीएफसी बैंक में हासिल करेगी। मिस्त्री ने कहा कि अभी मर्जर की रेगुलेटरी कॉस्ट बहुत कम है। अभी मर्जर का फैसला लेने के पीछे यह एक बड़ी वजह है।
NBFC के लिए RBI के नियम सख्त हो रहे
उन्होंने कहा, "हमने पहले भी मर्जर के विकल्प पर कई बार सोचा था। लेकिन रेगुलेटरी कॉस्ट बहुत ज्यादा थी। हालांकि, मर्जर के फायदे हमेशा दिख रहे थे। पिछले 7-8 सालों में रेगुलेटरी कॉस्ट में कमी आई है। मर्जर के फायदे भी ज्यादा दिख रहे हैं।" इससे पहले एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा था कि खत्म होते रेगुलेटरी आर्बिट्रेज को मर्जर की एक मुख्य वजह बताई थी।
लंबे समय से विलय पर चल रहा था विचार
27 जनवरी को पारेख ने मनीकंट्रोल को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा था, "RBI की हर नई पॉलिसी में NBFC के लिए नियम सख्त किए गए हैं। नियमों में जो लचीलापन और आसानी थी, वह धीरे-धीरे खत्म हो रही है। इसकी वजह यह है कि कई NBFC डूब गए हैं। कुछ ने तो लोगों के पैसे तक हड़प लिए हैं।" दरअसल, 2015 में ही पारेख ने कहा था कि उनकी कंपनी एचडीएफसी बैंक में विलय के बारे में सोच सकती है। यह तब होगा जब इसके लिए स्थितियां अनुकूल होंगी। लेकिन, पेरेंट कंपनी (HDFC) ने इस प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इससे देर होती चली गई।
मिस्त्री ने अपने फ्यूचर प्लान से उठाया पर्दा
मिस्त्री ने भविष्य में अपनी भूमिका के बारे में कहा कि वह एचडीएफसी बैंक में किसी तरह के एग्जिक्यूटिव रोल में नहीं होंगे। लेकिन, वह बोर्ड में शामिल होने के बारे में सोच सकते हैं। उन्होंने कहा, "मैं बैंक में कोई एग्जिक्यूटिव रोल नहीं लूंगा।" इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि वह विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में एग्जिक्यूटिव रोल में आ सकते हैं। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने मॉर्टगेज पोर्टफोलियो को संभालने वाले एग्जिक्यूटिव का नाम तय कर लिया, उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में फैसला नहीं हुआ है। इस पर विचार चल रहा है। हमारी इंटिग्रेशन कमेटी इस बारे में विचार कर रही है।