जापान के निप्पॉन स्टील की हो जाएगी यूएस स्टील? मानेंगे ट्रंप? दिए ये संकेत

अमेरिका के यूएस स्टील (US Steel) और जापान के निप्पॉन स्टील (Nippon Steel) के बीच की डील लंबे समय से अटकी हुई है। इस पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन ने रोक लगाया हुआ था और यह रोक ट्रंप सरकार ने भी जारी रही। ट्रंप राष्ट्रपति बनने के पहले भी इस डील के विरोध में थे लेकिन अब उन्होंने कुछ खास शर्तों के साथ पॉजिटिव संकेत दिए हैं

अपडेटेड Jun 14, 2025 पर 9:36 AM
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंबे समय से अटकी यूएस स्टील (US Steel) और निप्पॉन स्टील (Nippon Steel) की $1.49 हजार करोड़ (₹1.29 लाख करोड़) की डील को लेकर पॉजिटिव संकेत दिए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंबे समय से अटकी यूएस स्टील (US Steel) और निप्पॉन स्टील (Nippon Steel) की $1.49 हजार करोड़ (₹1.29 लाख करोड़) की डील को लेकर पॉजिटिव संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि इस डील के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जो चिताएं हैं, वह हल हो सकती हैं, अगर दोनों कंपनियां उनकी कुछ खास शर्तों को मान लेती हैं। इससे डील को मंजूरी का रास्ता निकलता दिख रहा है। ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को हल करने की शर्तें समझौते में रखी जाएंगी, लेकिन उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी।

US Steel और Nippon Steel का कैसा रहा रिस्पांस?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के रुझान पर दोनों कंपनियों ने एक प्रेस रिलीज में उन्हें धन्यवाद कहा। उनका कहना है कि इस समझौते में वर्ष 2028 तक $1.1 हजार करोड़ के नए निवेश के साथ अमेरिकी सरकार को गोल्डन शेयर जारी करने की प्रतिबद्धताएं शामिल हैं। हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि इस गोल्डेन शेयर से अमेरिका को कितना नियंत्रण मिलेगा। ट्रंप के रुझान ने यूएस स्टील के शेयरों की चाल बदल दी इससे पहले शुक्रवार को जब निप्पॉन स्टील के एक अधिकारी ने जापान की मीडिया से कहा था कि यूएस स्टील के अधिग्रहण को आगे बढ़ने के लिए कुछ हद तक मैनेजमेंट के स्वतंत्र होने की जरूरत जबकि ट्रम्प ने पहले कहा था कि गोल्डन शेयर के साथ यह अमेरिकी नियंत्रण में रहेगा तो यूएस स्टील के शेयर टूट गए। हालांकि अब ट्रंप ने जब कुछ शर्तों के साथ सौदे को हरी झंडी का संकेत दिया तो शेयर 3.5% उछल गए।


ऐलान के साथ ही शुरू हो गया सौदे पर विवाद

निप्पॉन स्टील ने दिसंबर 2023 में सौदे का ऐलान किया था। उसी समय से यह विवादों से जूझ रहा है। इस सौदे को लेकर अमेरिका की दोनों अहम राजनीतिक पार्टियां जो बिडेन की डेमोक्रेटिक और ट्रंप की रिपब्लिकन विरोध में हैं। दोनों का मानना है कि यूएस स्टील को अमेरिकी स्वामित्व में रहना चाहिए। जनवरी में पद छोड़ने से पहले बिडेन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर इस सौदे का रास्ता रोक दिया था। इसके कंपनियों ने यह दावा करते हुए कानूनी कार्यवाही शुरू की कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जो रिव्यू हुआ था, वह पक्षपातपूर्ण थी। हालांकि बिडन प्रशासन ने इस आरोप को खारिज किया। अब ट्रंप की बात करें तो उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान इस मु्द्दे को बहुत उठाया था।

20 जनवरी को ट्रंप की सरकार बन गई। अप्रैल महीने में प्रस्तावित विलय को लेकर 45 दिनों को नेशनल सिक्योरिटी रिव्यू शुरू किया गया। हालांकि ट्रंप के बयानों ने विरोधाभास की स्थिति बनाए रखा। उन्होंने कभी यूएस स्टील में जापान के निवेश का स्वागत किया तो कभी निप्पॉन स्टील को इसमें माइनॉरिटी हिस्सेदारी ही देने की बात कही। 30 मई को पेनसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान ट्रम्प ने इस सौदे की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यूएस स्टील के लिए निप्पॉन स्टील एक बेहतरीन साझेदार होगी लेकिन बाद में उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा था कि अभी तक उन्होंने अंतिम मंज़ूरी नहीं दी है।

5 जून को निप्पॉन स्टील और ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी अपीलीय अदालत से मुकदमे को लेकर आठ दिन का समय और मांगा ताकि वे समझौते पर पहुंच सकें। यह मोहलत शुक्रवार को समाप्त हो गई, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है। वहीं यूएस स्टील और निप्पॉन स्टील के बीच अधिग्रहण का जो सौदा हुआ है, वह भी 18 जून को एक्सपायर होने वाला है लेकिन दोनों कंपनियां आपसी सहमति से इस तारीख को आगे बढ़ा सकती हैं।

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