पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने गुरुवार को भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) से सीमा सुरक्षा बल यानी BSF (Border Security Force) की शिकायत की थी। चुनाव आयोग की पूरी बेंच से मुलाकात के दौरान TMC ने आरोप लगाया था कि सीमावर्ती इलाकों में BSF मतदाताओं को एक पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान करने के लिए डरा-धमका रहा है। TMC के आरोपों को मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner, CEC) सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) ने शुक्रवार को दुर्भाग्यपूर्ण (Unfortunate) करार दिया।

अरोड़ा ने BSF के खिलाफ TMC द्वारा लगाए गए आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह देश के सबसे बेहतरीन बलों में से एक है। उन्होंने कहा कि संबंधित राजनीतिक दल को अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए तथ्यों के साथ आना चाहिए। अरोड़ा ने कहा कि BSF देश के सर्वश्रेष्ठ बलों में एक है। बल किसी के पक्ष में या किसी के खिलाफ काम करेगा, ऐसा नहीं लगता। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि BSF राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में वोट डालने के लिए धमका रहा है।

पश्चिम बंगाल में आगामी चुनाव में हिंसा एवं अशांति की राजनीतिक दलों द्वारा आशंका जताए जाने के बीच CEC ने कहा कि चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव को राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया में फर्जी सूचना फैलाने के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए कहा है। चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद TMC के सेक्रटरी जनरल पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को मीडिया को बताया था कि हमने CEC और चुनाव आयोग के अधिकारियों को इस बात की जानकारी दे दी है कि BSF सीमा से सटे इलाकों में मतदाताओं को डरा-धमका रही है। 

बंगाल चुनाव (West Bengal Election 2021) की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फेंस में सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग धनबल एवं बाहुबल के साथ ही सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करता है। CEC ने यह भी कहा कि चुनाव में किसी भी नागरिक पुलिस स्वयंसेवक की तैनाती नहीं की जाएगी। चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ वर्तमान समय में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राज्य में है जो अप्रैल-मई में होने की संभावना है। आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें कीं।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के व्यय पर्यवेक्षक धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाएंगे। विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले राजनीतिक हिंसा होने का दावा करते हुए चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि राज्य में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। CIC ने बताया कि राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के बाद ज्यादातर ने कहा कि चुनावों में बड़ी संख्या में CAPF (Central Armed Police Forces) की तैनाती की जाए और पोलिंग स्टेशन पर वीडियोग्राफी हो ताकि सुरक्षित वोटिंग हो सके। 

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