कोरोना वायरस की दूसरी लहर से भारत जूझ रहा है। हालांकि अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation -WHO) ने कहा है कि भारत में पहली बार जो कोरोना वायरस का पता चला था, उसे डेल्टा (Delta) कहा जाएगा।
मार्च महीने से भारत में कोरोना वायरस ने तबाही मचानी शुरू कर दी थी। WHO ने कहा है कि भारत में सबसे पहले पाए जाने वाले Covid-19 वैरिएंट को डेल्टा कहा जाएगा। जबकि इसके पहले पाए वैरिएंट को कप्पा (Kappa) के नाम से जाना जाएगा।
वैज्ञानिक तौर पर भारत में सबसे पहले पाए जाने वाले कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक कोB.1.617 कहा जाता है, जिसे डबल म्यूटेंट भी कहा जाता है।
WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड डॉ. मारिया वान केरखोवे (Dr Maria Van Kerkhove ) ने कहा है कि इस नए नामकरण से कोरोना वायरस के मौजूदा स्ट्रेनों का वैज्ञानिक नाम नहीं बदलेगा, क्योंकि यह वैज्ञानिक तथ्यों और रिसर्च पर आधारित नाम होते हैं। लेकिन किसी भी स्ट्रेन या वैरिएंट को लेकर किसी भी देश को दागदार बनाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
भारत सरकार ने 12 मई को B.1.617 वैरिएंट को मीडिया वर्गों द्वारा इंडियन वैरिएंट नाम दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। भारत सरकार ने अपने एक बयान में कहा है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स ने कोरोना वायरस के B.1.617 वैरिएंट को इंडियन वैरिएंट कहा है। ये रिपोर्ट बिना किसी आधार के निराधार हैं।
भारत में इस वैरिएंट की पहचान B.1.617 से की गई थी, जिसे भारतीय वेरिएंट कहा जा रहा था। यह वैरिएंट अब तक 53 देशों में पाया जा चुका है और 7 अन्य देशों में इसकी अनाधिकारिक तौर पर पहचान हुई है। यह दूसरे वायरस के मुकाबले ज्यादा फैलने वाला है, हालांकि इसकी संक्रामक क्षमता को लेकर दुनिया भर में रिसर्च हो रहे हैं।
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