ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licences) चाहने वालों को अब कई कड़े कौशल परीक्षणों (Stringent Skill Tests ) से गुजरना पड़ेगा है। टेस्ट में पास होने के लिए सही सटीकता के साथ गाड़ी को पीछे यानी रिवर्स करना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने संसद को गुरुवार को ये जानकारी दी है। सड़क परिवहन, राजमार्ग और MSME मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि साथ ही, सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) में ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए पासिंग प्रसेंटेज 69 प्रतिशत कर दी गई है।
नितिन गडकरी ने कहा, "वाहन में रिवर्स गियर है, तो चालक को इसे बाएं और दाएं तरफ सही सटीकता के साथ पीछे ले जाकर दिखाना होगा। ड्राइविंग स्किल टेस्ट पास करने के लिए इस टेस्ट को पास करना अनिवार्य है।" ये केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के प्रावधानों के अनुसार है।
उन्होंने कहा, "सभी RTO में पासिंग प्रतिशत 69 फीसदी है। ये भी बताया गया है कि इन प्रावधानों के अनुसार ड्राइविंग स्किल टेस्ट लेने का उद्देश्य योग्य और प्रतिभाशाली ड्राइवर तैयार करना है।"
उन्होंने कहा कि ड्राइविंग प्रशिक्षण देने के लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के 50 से ज्यादा मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल या संस्थान को अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग स्किल टेस्ट के लिए बुकिंग करते समय आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट डेमो के लिए एक वीडियो लिंक दिया जाएगा।
एक दूसरे लिखित जवाब में, मंत्री ने कहा कि सरकार ने सूचित किया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से संबंधित कुछ सर्विस वालंटियर बेसिस पर आधार ऑथेंटिकेशन की मदद से पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस संबंध में संवेदनशील बनाने के लिए लिखा है ताकि वे जल्द से जल्द इन सेवाओं को चालू कर दें।
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