केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का आज 29वां दिन है। इस बीच भारत सरकार ने फिर किसानों को चिट्ठी लिखकर बातचीत का रास्ता खुला रहने का संकेत दिया है। केंद्र सरकार ने एक बार फिर से किसानों को चिट्ठी लिखकर बातचीत की पेशकश की है। सरकार ने गुरुवार को एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए तारीख और समय तय करने की अपील की। केंद्र ने चिट्ठी में लिखा है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है। इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को ही किसानों ने सरकार के पिछले न्योते को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रपोजल में दम नहीं, नया एजेंडा लाएं तभी बात होगी।
कृषि मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है। केंद्र ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं। सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को लिखे पत्र में किसानों से बातचीत के अगले दौर के लिए तारीख और समय तय करने को कहा है। साथ ही कहा है कि सरकार आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों के तार्किक समाधान तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि नए कृषि कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध बना हुआ है।
इससे पहले कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) की तरफ मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को दिल्ली पुलिस ने गुरूवार को रोक दिया और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया। प्रियंका गांधी समेत दूसरे कांग्रेस नेताओ को मंदिर मार्ग थाने में रखा गया था, हालांकि फिलहाल उन्हें हिरासत से छोड़ दिया गया है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरूवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) से कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), अधीर रंजन चौधरी और गुलाब नबी आजाद ने मुलाकात की। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए और इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये कृषि कानून जबरदस्ती थोपे गए हैं। हमने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ज्ञापन सौंप दिया है, इसमें करोड़ों किसानों के हस्ताक्षर सौंपे गए हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बताया कि ये कानून किसान विरोधी कानून हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं और इनसे किसानों, मजदूरों का नुकसान होने वाला है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मजदूर घर चले जाएंगे। बता दें कि किसान पिछले 29 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की कई सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता विफल रही है।
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