वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) ने शुक्रवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वे (Economic Survey)  पेश कर दिया है। इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में GDP ग्रोथ रेट -7.7% रहने की उम्मीद है। वहीं, Economic Survey के मुताबिक वर्ष 2021-22 में रियल GDP ग्रोथ रेट 11% रहने की उम्मीद जताई गई है। इसमें कहा गया है कि इंडियन इकोनॉमी कोरोना वायरस के प्रभाव से निकलकर जबरदस्त बाउंस बैक करेगी और अगले वित्त वर्ष में देश की वास्तविक आर्थिक विकास गति 11 फीसदी रहने का उम्मीद है।

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल GDP 15.4% रहने की उम्मीद है। लोकसभा में पेश Economic Survey में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में Real GDP ग्रोथ रेट 14.2% रहने की उम्मीद जताई गई है। आर्थिक सर्वे में जो अनुमान लगाया गया है वह RBI और सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (CSS) के आंकड़ों से मेल खाता है।

RBI ने अनुमान लगाया था कि FY2021 में इंडियन इकोनॉमी में 7.5% की गिरावट आ सकती है। वहीं, CSS ने अनुमान लगाया था कि इकोनॉमी में 7.7 की गिरावट आने की आशंका है। आपको चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद लोकसभा को आज पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।

करेंट अकाउंट सरप्लस GDP का 2% रहेगा

Economic Survey में कहा गया है कि भारत का करेंट अकाउंट सरप्लस (Current account surplus) इस वित्त वर्ष में GDP का 2% रह सकता है। आर्थिक सर्वे में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जो अनुमान लगाए गए हैं वही अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund- IMF) ने लगाया था। IMF ने कहा था कि वर्ष 2021-22 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ रेट 11.5% रह सकता है और 2022-23 में इंडियन इकोनॉमी में 6.8% की ग्रोथ देखने को मिलेगी। IMF ने कहा था कि भारत अगले दो साल दुनिया की सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था होगी।

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