आतंकियों के लिए पाकिस्तान जन्नत से कम नहीं, जहां उन्हें वो सभी सुविधाएं मिलती हैं जो आम पाकिस्तानी नागरिक को नसीब नहीं है। लेकिन आतंकियों के पनाहगाह बने पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर इससे जबरदस्त घाटा हुआ है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने आतंक को बढ़ावा देने और टेरर फंडिंग के कारण पाकिस्तान को वर्ष 2008 से ही अपनी निगरानी सूची में रखा हुआ है।

FATF ने आतंकियों का साथ देने के लिए पाकिस्तान को करीब 13 वर्षों से ग्रे लिस्ट (Grey List) में डाला हुआ है। इससे पाकिस्तान की GDP को अब तक कम से कम 45 बिलियन डॉलर यानी 3.34 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। यह दावा पाकिस्तान की एक रिसर्च रिपोर्ट में किया गया है।

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इस्लामाबाद स्थित इंडिपेंडेंट थिंक-टैंक तबादलाव (Tabadlab) ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि FATF में पाकिस्तान को 2008 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया, इस वजह से पाकिस्तान की GDP को वर्ष 2019 तक 38 बिलियन डॉलर यानी 2.82 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था। अगर इस औसत से देखें तो पाकिस्तान को इससे अब तक 45 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।

यह रिसर्च रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि कंजम्पशन एक्सपेंडिचर के साथ एक्सपोर्ट और FDI में कमी आने के कारण पाकिस्तान को इतना बड़ा नुकसान हुआ। इस रिपोर्ट के ऑथर नेफी सरकार (Naafey Sardar) हैं।

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इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जल्द से जल्द FATF की सभी शर्तों को पूरा करने की अपील की गई है। पाकिस्तान ने अब तक FATF की 27 मांगों में से 26 में प्रगति की है। साथ ही उसे मनी लॉन्ड्रिंग पर FATF की 7 नई शर्तों को पूरा करना है। 

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