म्यांमार में 1 फरवरी, 2021 को सैन्य तख्तापलट के बाद से ही वहां सेना की क्रूरता जारी है। सैन्य तख्तापलट के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन को दबाने के लिए म्यांमार की मिलिट्री गवर्मेंट खून की होली खेल रही है। एक मानवाधिकार संगठन ने दावा किया है कि सैन्य कार्रवाई में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 550 से अधिक हो गई है, जिनमें 46 बच्चे शामिल हैं।

मानवाधिकार संगठन असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (Assistance Association for Political prisoners) ने कहा कि मारे गए लोगों में 46 बच्चे भी शामिल हैं जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। मानवाधिकार संगठन ने कहा कि म्यांमार में अब तक 2751 लोगों को या तो हिरासत में लिया गया है या फिर उन्हें सजा सुनाई गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार में सेना विरोध को सख्ती से कुचल रही है। संयुक्त राष्ट्र के दूत ने और हिंसा होने की आशंका जताई है। देश के सीमांत इलाकों में सेना और नस्लीय अल्पसंख्यक समूह के बीच संघर्ष तेज हो गया है। म्यांमार की सेना लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे प्रदर्शनों को दबाने में नाकाम रही हैं।

थाईलैंड शरण देने के लिए तैयार

थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने इस बात से इनकार किया कि देश के सुरक्षा बलों ने म्यांमार में हवाई हमलों से बचकर आए लोगों को वापस भेज दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संघर्ष से बचकर आए किसी भी व्यक्ति को शरण देने के लिए तैयार है। मानवाधिकार समूहों ने कहा था कि थाईलैंड की सेना ने म्यांमार से बचकर आए हजारों लोगों को वापस भेजना शुरू कर दिया है।

वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं बंद

म्यांमार में सेना के आदेश पर वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं। देश की कमान सेना के हाथों में चले जाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का विरोध लगातार जारी है। लोकल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ओरेडू ने अपने ऑनलाइन पोस्ट में कहा कि म्यांमार के संचार मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में सभी वायरलैस ब्रॉडबैंड सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद रखने को कहा गया है।

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