अकासा एयर (Akasa Air) के पायलटों के एक वर्ग ने एयरलाइन में कथित ट्रेनिंग और सेफ्टी से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताई है और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से हस्तक्षेप की मांग की है। हालांकि, एयरलाइन ने इन आरोपों का खंडन किया है। दो साल से अधिक पुरानी अकासा एयर को पहले भी पायलटों की समस्या का सामना करना पड़ा था और इस बार पायलटों के एक वर्ग ने यह भी दावा किया है कि एक दिन के नोटिस पर 84 पायलटों ने इस्तीफा दे दिया है।
एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बयान में कहा, “हम इन आरोपों को निराधार और असत्य बताते हुए स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं। न ही ये अकासा पायलटों के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।” अकासा एयर ने कहा कि अक्टूबर 2023 से 324 पायलट एयरलाइन में शामिल हुए हैं और इस अवधि के दौरान इस कर्मचारी समूह के लिए सालाना एट्रिशन रेट एक फीसदी से भी कम दर्ज की गई है। नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू को 11 दिसंबर को लिखे पत्र में पायलटों के एक वर्ग ने एयरलाइन की मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज, ट्रेनिंग और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
आरोपों का खंडन करते हुए अकासा एयर ने बयान में कहा कि उसके मासिक कर्मचारी सर्वेक्षण से पता चलता है कि सभी कर्मचारी समूहों में से पायलटों ने लगातार नौकरी से संतुष्टि की जानकारी दी है। एयरलाइन ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2024 के दौरान बहुत कम पायलटों ने अकासा एयर के बाहर अवसरों की तलाश की है।
इसमें कहा गया, “यह समर्पण 2024 के दौरान अकासा एयर के बाहर अवसरों की तलाश करने वाले पायलटों की न्यूनतम संख्या से और अधिक स्पष्ट होता है।” विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने अक्टूबर में चालक दल के प्रशिक्षण में कुछ खामियों के लिए अकासा एयर पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। अकासा एयर के पास 26 विमानों का बेड़ा है और यह पांच विदेशी शहरों सहित 27 गंतव्यों के लिए उड़ान भरता है।