सस्ती अल्कोहल के लिए फेमस गोवा की यह बात बदलने वाली है। अब गोवा ट्रिप प्लान करने वालों को अपनी ड्रिंक्स पर 50 फीसदी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। गुरुवार को गोवा की सरकार ने अपना बजट 2020-21 पेश किया है, जिसमें शराब की बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी और फीस बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के तहत हर कैटेगरी की शराब पर 20-50 फीसदी ड्यूटी बढ़ाई जाएगी। नई कीमतें 1 अप्रैल, 2020 से लागू हो सकती हैं।
इसके पहले खबर आई थी कि गोवा सरकार शराब प्रोडक्शन और उसक मूवमेंट पर पैनी नजर बनाने के लिए नया डिजिटल सिस्टम बनाएगी। सरकार लिकर पर डिजिटल सिस्टम से पूरी नजर रखेगी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस नए डिजिटल सिस्टम से शराब पर पूरी नजर बन रहेगी। जिससे लोगों के भीतर टैक्स कटौती की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गय़ा है कि इस नए सिस्टम से पता चला कि Indian Made Foreign Liquor (IMFL) कैटगरी में बियर के मुकाबले ज्यादा उत्पाद शुल्क (Excise Duty) आ सकता है।
इससे राज्य सरकार को उन नीतियों को लाने में मदद मिलेगी जो एक खास अबकारी स्लैब के लिए बनाया गया है। सरकार के इस ऑनलाइन सिस्टम को गोवा एक्साइज मैनेजमेंट सिस्टम नाम दिया गया है। इससे सरकार को नीतियां बनाने, रेवेन्यु बढ़ाने, पारदर्शिता लाने और जवाबदेही बनाने के लिए मदद मिलने के लिए है। शराब के प्रोडक्शन और उसकी मूवमेंट पर नजर बनी रहने से सरकार के राज्सव में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
6 फरवरी को आए बजट में गोवा को लेकर एक और बदलाव का प्रस्ताव दिया गया है। हॉलीडे स्पॉट के तौर पर जाना जाने वाला गोवा अब अपनी पहचान में भी बदलाव कर सकता है। बजट में राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा को कन्वेंशन सेंटर और एजुकेशन हब के तौर पर विकसित करने का प्रस्ताव रखा है।
21,056.35 करोड़ के इस बजट में सरकार ने 353.61 करोड़ का रेवेन्यू सरप्लस रखा है। बजट में गोवा में खनन में कमी लाने, ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस, टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म और इको-डेवलपमेंट को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
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