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Bihar Bridge Collapse: पुल बनाने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करेगी बिहार सरकार? राज्य से केंद्र तक कई विभागों के हैं ठेके

Bihar Bridge Collapse: 14 महीने में ये दूसरी बार है, जब कंपनी राज्य सरकार की जांच में फंसी है। ये पुल भागलपुर जिले के सुल्तानगंज और खगड़िया जिले के अगुवानी घाट को जोड़ता है। जनता के आक्रोश के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने सोमवार को कंस्ट्रक्शन कंपनी को नोटिस दिया, जबकि सड़क निर्माण विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को भी सस्पेंड कर दिया

अपडेटेड Jun 06, 2023 पर 2:20 PM
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Bihar Bridge Collapse: पुल बनाने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करेगी बिहार सरकार?

Bihar Bridge Collapse: हरियाणा की एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन (SP Singla Constructions) कंपनी ने खगड़िया-भागलपुर पुल (Khagaria-Bhagalpur bridge) बनाया था। कंपनी गंगा नदी पर 1,710 करोड़ रुपए का चार लेन निर्माणधीन सड़क पुल प्रोजेक्ट गिरने के बाद बिहार सरकार की जांच के दायरे में है। 14 महीने में ये दूसरी बार है, जब कंपनी राज्य सरकार की जांच में फंसी है। ये पुल भागलपुर जिले के सुल्तानगंज और खगड़िया जिले के अगुवानी घाट को जोड़ता है। जनता के आक्रोश के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने सोमवार को कंस्ट्रक्शन कंपनी को नोटिस दिया, जबकि सड़क निर्माण विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को भी सस्पेंड कर दिया।

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने एस.पी. सिंगला कंस्ट्रक्शन को नोटिस देकर पूछा है कि बिहार सरकार इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट क्यों न कर दे। अगर कंपनी ने 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो उसे सरकार की तरफ से ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।

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इस बीच, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पर पुल निर्माण के दौरान कंस्ट्रक्शन कंपनी की तरफ से किए जा रहे कामों पर नजर न रखने और अनियमितताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगा है।


न्यूज एजेंसी IANS को सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है और पाइलिंग भी सवालों के घेरे में हैं।

कंपनी के खिलाफ आरोप

जिला प्रशासन के एक अधिकारी के अनुसार, पुल के डिजाइन और निर्माण के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और डिजाइनर खामियां सामने आई हैं।

उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने नदी के किनारे पिलर बनाने के लिए 150 फीट पाइलिंग की और उतनी ही ऊंचाई का इस्तेमाल नदी के बीच के लिए किया गया, जहां पानी आमतौर पर सबसे ऊंचे स्तर पर होता है।

कंपनी को नदी के बीच में 200 फीट से ज्यादा पाइल लगाने की जरूरत थी, जो इस पुल के मामले में नहीं था। इसी तरह पिछले 14 महीनों में दो पाइल बैक-टू-बैक ढह चुके हैं।

नदी के बीच में 22 पिलर हैं और क्योंकि पाइल की गहराई सभी 150 फीट गहरी है, इसलिए इन सभी पिलर में गिरावट आना लाजिमी था।

एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन के बारे में

सत पॉल सिंगला के नेतृत्व में, एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन एक परिवार की कंपनी है, जिसके दिल्ली और हरियाणा में रजिस्टर्ड ऑफिस हैं। India Today की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को 1996 में शामिल किया गया था और वित्तीय वर्ष (FY) 2022 में इसकी कुल संपत्ति लगभग 869 करोड़ रुपए थी।

वेबसाइट के अनुसार, कंपनी गहरी नींव, लॉन्ग टर्म ब्रिज कंस्ट्रक्शन, और शहरी फ्लाईओवर कंस्ट्रक्शन, अन्य चीजों में माहिर है।

पहले भी विवादों में रही कंपनी

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन मई 2020 में पहली बार जांच के दायरे में आई थी, जब लोहिया चक्र पथ के निर्माण के दौरान कंक्रीट स्लैब गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी, जो नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। उस समय घटना की जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन बाद में निर्माण कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन ने कथित तौर पर बिहार में कई सरकारी प्रोजेक्ट हासिल किए थे, जिनमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से पटना में गंगा नदी पर छह लेन का पुल, जवाहरलाल नेहरू रोड पर लोहिया पथ चक्र और शेरपुर-दिघवारा पुल शामिल हैं।

एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन के क्लाइंट

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BRPNNL) के अलावा, एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन के कुछ प्रमुख क्लाइंट में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), जम्मू और कश्मीर परियोजना निर्माण निगम लिमिटेड (JKPCC), सीमा सड़क संगठन (BRO) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) शामिल हैं।

GSIDC, गोवा, लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड, भारतीय रेलवे और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम के PWD भी कथित तौर पर इस कंपनी के क्लाइंट हैं।

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