दिल्ली सरकार ने सोमवार को श्रमिकों (Labourers) की न्यूनतम मजदूरी (Minimum Wages) में बढ़ोतरी का ऐलान किया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि अकुशल (Unskilled), अर्द्धकुशल (Semi-Skilled) और कुशल श्रमिकों (Skilled Labourers) के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए कहा कि इससे उन्हें महंगाई और कोरोना महामारी के प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी ।
दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस बढ़ोतरी से अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 15,908 रुपये से बढ़कर 16,064 रुपये हो गया। वहीं अर्द्धकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 17,537 रुपये से बढ़कर 17,693 रुपये हो गया। इसमें कहा गया है कि कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 19,291 रुपये से बढ़ाकर 19,473 रुपये कर दिया गया है।
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सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली में मजदूरों को दी जाने वाली न्यूनतम मजदूरी देश के किसी भी राज्य की तुलना में अधिक है। कोविड और महंगाई से परेशान मजदूर वर्ग को न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी से कुछ राहत मिलेगी।"उन्होंने दिल्ली के अकुशल, अर्द्ध-कुशल और अन्य श्रमिकों के महंगाई भत्ते को बढ़ाने का आदेश जारी किया। सिसोदिया दिल्ली सरकार के श्रम विभाग के प्रभारी मंत्री भी हैं।
इसके अलावा मैट्रिक लेकिन गैर-स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 19,291 रुपये से बढ़ाकर 19,473 रुपये और स्नातक और उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 20,976 रुपये से बढ़ाकर 21,184 रुपये कर दिया गया है।
सिसोदिया ने कहा कि वेतन बढ़ाने का "बड़ा कदम" कोरोना वायरस महामारी के दौरान गरीबों और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ते को रोका नहीं जा सकता है, जो आमतौर पर केवल न्यूनतम मजदूरी प्राप्त करते हैं। इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते को जोड़कर संशोधित न्यूनतम वेतन की घोषणा की है।