वोटिंग बढ़ाने के लिए भारत को ₹182 करोड़ देता था अमेरिका! एलॉन मस्क के DOGE ने रोकी फंडिंग, BJP ने पूछा- किसे होता फायदा

फंडिंग रद्द करने की यह लहर DOGE के सरकारी खर्च में कटौती कर उसे सुव्यवस्थित करने की कोशिशों का हिस्सा है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत स्थापित यह विभाग लागत में भारी कटौती करने पर फोकस्ड है। एलॉन मस्क बार-बार कह चुके हैं कि अगर बजट में कटौती नहीं की गई तो अमेरिका कंगाल हो जाएगा

अपडेटेड Feb 16, 2025 पर 4:31 PM
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इस फैसले ने भारत की चुनावी प्रक्रिया में विदेशी भागीदारी को लेकर चर्चाओं को फिर से हवा दे दी है।

अमेरिका में एलॉन मस्क की अध्यक्षता वाले सरकारी दक्षता विभाग (Department of Government Efficiency या DOGE) ने अमेरिकी सरकार की ओर से फंडेड कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स को रद्द करने की घोषणा की है। इनमें भारत में वोटर टर्नआउट पहलों यानि मतदान में वोटर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए एलोकेट की गई 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग को रद्द किया जाना भी शामिल है। भारतीय करेंसी में यह अमाउंट 182 करोड़ रुपये बैठता है। X पर DOGE के आधिकारिक पोस्ट में इस बारे में जानकारी दी गई है।

इस फैसले ने भारत की चुनावी प्रक्रिया में विदेशी भागीदारी को लेकर चर्चाओं को फिर से हवा दे दी है।घोषणा के तुरंत बाद BJP के प्रवक्ता अमित मालवीय ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट X पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने पोस्ट में लिखा, '...वोटर टर्नआउट के लिए 2.1 करोड़ डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखलंदाजी है। इससे किसे फायदा होगा? सत्तारूढ़ पार्टी को तो निश्चित तौर पर नहीं!'


DOGE ने जिन अंतरराष्ट्रीय फंडिंग्स या प्रोजेक्ट्स को कैंसिल किया है, वे इस तरह हैं...

  • मोजांबिक में अपनी इच्छा से पुरुष के मेडिकल खतना के लिए 1 करोड़ डॉलर
  • एंटरप्राइज ड्रिवन स्किल्स वाले कंबोडियाई युवाओं का एक समूह विकसित करने के लिए यूसी बर्कले के लिए 97 लाख डॉलर
  • कंबोडिया में इंडिपेंडेंट वॉइसेज को मजबूत करने के लिए 23 लाख डॉलर
  • प्राग सिविल सोसायटी सेंटर के लिए 3.2 करोड़ डॉलर
  • लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण केंद्र के लिए 4 करोड़ डॉलर
  • सर्बिया में सार्वजनिक खरीद में सुधार के लिए 1.4 करोड़ डॉलर
  • चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए कंसोर्शियम के लिए 48.6 करोड़ डॉलर। इसमें मोल्दोवा में इंक्लूसिव और भागीदारीपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया के लिए 2.2 करोड़ डॉलर और भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 2.1 करोड़ डॉलर शामिल हैं।
  • बांग्लादेश में राजनीतिक लैंडस्केप को मजबूत करने के लिए 2.9 करोड़ डॉलर
  • नेपाल में फिस्कल फेडरलिज्म के लिए 2 करोड़ डॉलर
  • नेपाल में बायोडायवर्सिटी कॉन्वर्सेशन के लिए 1.9 करोड़ डॉलर
  • लाइबेरिया में वोटर कॉन्फिडेंस के लिए 15 लाख डॉलर
  • माली में सामाजिक सामंजस्य के लिए 1.4 करोड़ डॉलर
  • दक्षिणी अफ्रीका में समावेशी लोकतंत्र के लिए 25 लाख डॉलर
  • एशिया में सीखने के नतीजों में सुधार के लिए 4.7 करोड़ डॉलर
  • कोसोवो रोमा, अश्कली और मिस्र के हाशिए पर पड़े समुदायों के बीच सामाजिक-आर्थिक सामंजस्य बढ़ाने के लिए सस्टेनेबल रीसाइक्लिंग मॉडल विकसित करने के लिए 20 लाख डॉलर

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इन कैंसिलेशंस के पीछे क्या है कारण

फंडिंग रद्द करने की यह लहर DOGE के सरकारी खर्च में कटौती कर उसे सुव्यवस्थित करने की कोशिशों का हिस्सा है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत स्थापित यह विभाग लागत में भारी कटौती करने पर फोकस्ड है। एलॉन मस्क बार-बार कह चुके हैं कि अगर बजट में कटौती नहीं की गई तो अमेरिका कंगाल हो जाएगा।

 

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