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Cryptocurrency भारत में इलीगल है या नहीं, स्पष्ट करे केंद्र सरकार : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने 20,000 करोड़ रुपये के गेनबिटकॉइन स्कैम (GainBitcoin scam) से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से क्रिप्टो की लीगलिटी पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा है

अपडेटेड Feb 25, 2022 पर 3:38 PM
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सरकार ने आम बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी से हुई कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया था

crypto illegal in India or not : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज (cryptocurrencies) लीगल हैं या नहीं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत ने 20,000 करोड़ रुपये के गेनबिटकॉइन स्कैम (GainBitcoin scam) से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली सरकार से क्रिप्टो की लीगलिटी पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा है।

20 हजार करोड़ के स्कैम की सुनवाई कर रहा था सुप्रीम कोर्ट

वर्ष 2018 में अमित भारद्वाज और उनके भाई विवेक (दोनों एक अन्य भाई अजय के साथ गेनबिटकॉइन स्कैम में आरोपी हैं) को एक कथित पोंजी स्कीम (Ponzi scheme) में मिलीभगत में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जिसके जरिये उन्होंने देश भर के 8,000 लोगों को चूना लगाया था।


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शुरुआत में गेनबिटकॉइन स्कैम के 20,000 करोड़ रुपये के होने का अनुमान लगाया गया था। भारद्वाज ने इनवेस्टर्स से ऊंचे रिटर्न का वादा किया, जिन्हें उन्होंने बिटकॉइन दिए और उन्हें बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining) हार्डवेयर की पेशकश की।

केंद्र सरकार को साफ करना होगा रुख

शुक्रवार को केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गेनबिटकॉइन स्कैम में लगभग 87,000 बिटकॉइन शामिल थे।

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बेंच ने एएसजी से पूछा, “क्या क्रिप्टो इलीगल है या नहीं है? आपको अपना रुख साफ करना होगा।”

बजट में टैक्स लगाया लेकिन रुख साफ नहीं

बजट 2022 के दौरान सरकार ने भले ही ऐसी डिजिटल एसेट्स (digital assets) के जरिए हुए फायदे पर 30 फीसदी लेवी लगाने का ऐलान किया था, लेकिन सरकार ने क्रिप्टोकरेंसीज (cryptocurrencies) की लीगलिटी पर अपना रुख साफ नहीं किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बात में स्पष्ट किया कि डिजिटल एसेट्स से हुई कमाई पर टैक्स लगाने से क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंड नहीं हो जातीं और सरकार अभी भी क्रिप्टोकरेंसी बिल पर काम कर रही है।

फरवरी के मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि “क्रिप्टोरकेंसीज न तो एसेट हैं, न ही ट्यूलिप है।”

लगातार बढ़ती जा रही है क्रिप्टोकरेंसी कम्युनिटी

इस बीच, भारत सरकार या रिजर्व बैंक की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं होने से क्रिप्टोकरेंसी कम्युनिटी लगातार बढ़ती जा रही है। कई एक्सचेंजों ने अपने विज्ञापनों में बड़े सेलिब्रिटीज को जोड़ना शुरू कर दिया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिये प्रचार के गैर पारम्परिक तरीके अपना रहे हैं।

इसे देखते हुए, भारत की सेल्फ रेगुलेटरी एडवर्टाइजिंग बॉडी एएससीआई (ASCI) क्रिप्टोकरेंसीज और नॉन फंगिबिल टोकन्स से जुड़े सभी विज्ञापनों के लिए 1 अप्रैल से प्रमुखता के साथ यह डिसक्लेमर प्रदर्शित करने के लिए कहा है कि ‘क्रिप्टो प्रोडक्ट्स और एनएफटी अनरेगुलेटेड हैं और खासे जोखिम भरे हो सकते हैं।’

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