G20 Summit 2023: जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली को चमकाने पर खर्च किए गए कितने रुपए? पूरा ब्योरा देखें यहां
G20 Summit 2023: G20 ग्रुप में 19 सबसे अमीर देश और यूरोपीय संघ (EU) शामिल हैं। दिल्ली के प्रगति मैदान (Pragati Maidan) में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और नौ अतिथि देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। G20 की इस साल की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' है। राजधानी में वैश्विक नेताओं के आने से पहले इस दुल्हन की तरह सजाया गया। केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, G20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली को सजाने के लिए 4,100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। आइए विस्तार से इसे समझते हैं
G20 Summit 2023: जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली को चमकाने पर खर्च किए गए कितने रुपए?
G20 Summit 2023: भारत 9-10 सितंबर में नई दिल्ली में 18वें जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की मेजबानी कर रहा है। जी20 गुट के नेता हाई-प्रोफाइल सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद हैं। G20 ग्रुप में 19 सबसे अमीर देश और यूरोपीय संघ (EU) शामिल हैं। दिल्ली के प्रगति मैदान (Pragati Maidan) में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और नौ अतिथि देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।
G20 की इस साल की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' है। राजधानी में वैश्विक नेताओं के आने से पहले इस दुल्हन की तरह सजाया गया। केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, G20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली को सजाने के लिए 4,100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। आइए विस्तार से इसे समझते हैं।
इस हफ्ते की शुरुआत में, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने G20 के लिए "शहर के सौंदर्यकरण पर हुए खर्च" की एक लिस्ट शेयर की। मंत्री के अनुसार, ये खर्च, जो लगभग 4,110 करोड़ रुपए है, दिल्ली पुलिस, MEA, PWD, दिल्ली नागरिक निकाय MCD और NDMC, DDA के बीच बांटा गया था।
सुरक्षा से लेकर सड़क पर साइनेज, लाइट के मेंटेनेंस से लेकर G20 ब्रांडिंग तक और सार्वजनिक क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने से लेकर फ्लाईओवर और पुलों की पेंटिंग तक हर चीज के लिए पैसा अलॉट किया गया था।
India Express के अनुसार, ITPO, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस जैसी केंद्रीय एजेंसियां, और केंद्र सरकार के अधीन - दिल्ली पुलिस, NDMC और DDA, G20 बैठक के 98 फीसदी खर्च के लिए जिम्मेदार थे।
लेखी की तरफ से शेयर किए गए चार्ट के अनुसार, ITPO, जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है, उसने सबसे ज्यादा लगभग 3,600 करोड़ रुपए खर्च किए। 340 करोड़ रुपए के साथ दिल्ली पुलिस दूसरे नंबर पर रही, जिसके बाद NDMC ने 60 करोड़ रुपए खर्च किए।
एक अधिकारी के हवाले से अखबार ने बताया, “क्योंकि ज्यादातक कंस्ट्रक्शन और मरम्मत NDMC और लुटियंस जोन के अंतर्गत आने वाले इलाके में किया गया था, इसलिए केंद्र सरकार के विभागों ने ज्यादातर खर्च उठाए हैं। गेस्ट लिस्ट को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर भी काफी खर्च किया गया है।"
अधिकारी ने कहा, "ITPO की तरफ से किया गया खर्च केवल शिखर सम्मेलन के लिए नहीं है, बल्कि इसका संबंध भारत मंडपम जैसी संपत्तियों के निर्माण से भी है।"
प्रगति मैदान में, इंटरनेशनल एग्जीबिशन और कन्वेंशन सेंटर (IECC) परिसर, जिसे भारत मंडपम के नाम से भी जाना जाता है, G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा। परिसर के बाहर अष्टधातु यानि आठ धातुओं से बनी 27 फीट ऊंची 18 टन की नटराज प्रतिमा लगाई की गई है।
Zee Businee के अनुसार, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे से प्रगति मैदान तक की सड़क को "अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप" देने के लिए 22 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
फरवरी में, केंद्र सरकार ने 2023-24 के बजट में G20 अध्यक्ष पद के लिए 990 करोड़ रुपए आवंटित किए। ये पहली बार है, जब भारत G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
इस बीच, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने G20 के लिए 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। PWD मंत्री आतिशी ने पहले कहा था कि कई सड़क खंडों को "यूरोपीय मानकों" के अनुसार फिर से डिजाइन किया गया है। PWD ने दिल्ली को सजाने-संवारने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में 1.65 लाख पौधे, 31 मूर्तियां, 90 फव्वारे और सजावटी लाइटें लगाई हैं।
दिल्ली सरकार के अधीन MCD ने G20 को लगभग 5 करोड़ रुपए और दिल्ली के वन विभाग को 16 करोड़ रुपए का भुगतान किया। जहां केंद्रीय सड़क भूतल परिवहन मंत्रालय ने 26 करोड़ रुपए खर्च किए, वहीं दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने शिखर सम्मेलन के लिए 18 करोड़ रुपए खर्च किए।
जुलाई में Newslaundary की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने दिसंबर 2022 से अप्रैल 2023 तक G20 राष्ट्रपति पद से संबंधित आउटडोर विज्ञापनों पर 50.6 करोड़ रुपए खर्च किए।
G20 के खर्चों पर विवाद
केंद्र और दिल्ली की AAP सरकार G20 के लिए खर्च को लेकर आमने-सामने हैं। शहर के विकास और सौंदर्यीकरण को लेकर दोनों के बीच 'क्रेडिट लेने का युद्ध' छिड़ गया है।
सोमवार (4 सितंबर) को लेखी का ट्वीट आम आदमी पार्टी (AAP) की आतिशी के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने 927 करोड़ रुपए मांगने के बावजूद दिल्ली सरकार को कोई फंड जारी नहीं किया।
आतिशी ने PTI न्यूज एजेंसी को बताया, “हमने ये सोचकर इसे मुद्दा नहीं बनाया कि इसका हमारे देश पर बुरा असर पड़ेगा। BJP और उपराज्यपाल कह रहे हैं कि उन्होंने सब कुछ किया है। ये उनके अहंकार को दिखाता है।”
पलटवार करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने लिस्ट शेयर की और पूछा कि दिल्ली सरकार ने 927 करोड़ रुपए क्यों मांगे, जबकि अकेले PWD का बजट “10,000 करोड़ रुपए से 20,000 करोड़ रुपए” है।
PTI के अनुसार, केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा कि क्या वे दिल्ली के विकास के लिए 927 करोड़ रुपए खर्च नहीं कर सकते थे?
X पर अपने पोस्ट में लेखी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में सड़कों के निर्माण, मरम्मत, रखरखाव और सौंदर्यीकरण के लिए 700 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरवरी की शुरुआत में, दिल्ली सरकार में तत्कालीन PWD मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र को एक पत्र लिखकर G20 शिखर सम्मेलन के लिए विशेष विकास परियोजनाएं शुरू करने के लिए 927 करोड़ रुपए की ग्रांट की मांग की थी।