सरकार ने स्पेशियलिटी स्टील के लिए 67 PLI स्कीम आवेदनों को दी मंजूरी

सरकार ने स्पेशल स्टील के लिए PLI ( प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव ) के तहत कुल 67 आवेदनों को स्वीकार किया है। जिसके तहत 42,500 करोड़ रुपये का कुल निवेश आ सकता है। इस निवेश से देश में करीब 70,000 रोजगार के अवसर बनेंगे और देश की स्पेशल स्टील उत्पादन क्षमता में 2.6 करोड़ टन की बढ़ोतरी होगी

अपडेटेड Dec 10, 2022 पर 11:21 AM
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कई बार विस्तार मिलने के बाद 15 सितंबर 2022 को इस PLI स्कीम में भाग लेने के लिए फाइल विंडों को बंद कर दिया गया था।

सरकार ने स्पेशल स्टील के लिए PLI ( प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव ) के तहत कुल 67 आवेदनों को स्वीकार किया है। जिसके तहत 42,500 करोड़ रुपये का कुल निवेश आ सकता है। इस निवेश से देश में करीब 70,000 रोजगार के अवसर बनेंगे और देश की स्पेशल स्टील उत्पादन क्षमता में 2.6 करोड़ टन की बढ़ोतरी होगी। स्पेशल स्टील के लिए बनाई गई पीएलआई स्कीम के तहत सरकार को 79 आवेद मिले थे जिसमें तमाम छोटी -मझोली और बड़ी कंपनियों द्वारा कुल 46,000 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही गई थी लेकिन इन अर्जियों में से केवल 67 अर्जियों को सरकार ने मंजूरी दी है।

इन कंपनियों के आवेदन किए गए मंजूर

बताते चलें कि कई बार विस्तार मिलने के बाद 15 सितंबर 2022 को इस PLI स्कीम में भाग लेने के लिए फाइल विंडों को बंद कर दिया गया था। मंजूर किए गए आवेदनों में Tata Steel, JSW Steel, JSPL, AMNS India और SAIL जैसे तमाम बड़ी कंपनियों के आवेदन भी शामिल है।


बता दें कि यूनियन कैबिनेट ने पिछले साल जुलाई में देश में स्पेशियलिटी स्टील के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 6,322 करोड़ रुपये PLI स्कीम को मंजूरी दी थी। इन स्पेशियलिटी स्टील प्रोडक्ट्स में coated/plated स्टील प्रोडेक्ट, हाई स्टेनर्थ/wear-resistant स्टील, specialty rails, alloy steel products, स्टील वायर और इलेक्ट्रिकल स्टील शामिल है।

क्या है PLI स्कीम

केंद्र सरकार भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए योजना प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव ( production linked incentive -PLI) योजना में कई और सेक्टरों को शामिल किया है। पीएलआई के जरिए सरकार की कोशिश देश में औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाना और आयात बिल कम करना है। भारत सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात बिल कम करने के लिए मार्च 2020 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें सरकार कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट की बिक्री के आधार पर इंसेंटिव देती है। विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए आमंत्रित करने के अलावा, इस योजना का उद्देश्य घरेलू कंपनियों को देश में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

Sujata Yadav

Sujata Yadav

First Published: Dec 10, 2022 10:36 AM

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