हाथरस में एक सत्संग मातम में बदल गया, जब वहां भगदड़ मच गई है। इस भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मारे जाने की आशंका है। स्वयंभू गुरु भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि ने ये धर्मिक सत्संग कराया था। ये बाबा अक्सर दावा करते रहे हैं कि उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ काम किया है। उन्होंने अपने भक्तों को ये भी बताया कि जब वो नौकरी कर रहे थे, तब भी उनका रुझान आध्यात्म और भक्ति की ओर था। इसलिए उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए 1990 के दशक में इस्तीफा दे दिया था।
नारायण हरि का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगरी गांव में हुआ था और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई वहीं पूरी की। उनका दावा है कि उन्होंने कॉलेज के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए काम करना शुरू किया और वहां रहने के दौरान उनका रुझान आध्यात्मिकता की ओर हो गया।
बतौर एक धार्मिक गुरु नारायण हरि कभी भगवा कपड़े नहीं पहनते, बल्कि सफेद सूट, टाइ और सफेज जूते पसंद करते हैं। उनकी दूसरी पसंदीदा पोशाक कुर्ता-पायजामा है। अपने उपदेशों के दौरान वो कहते हैं कि उन्हें जो दान दिया जाता है, उसमें से वो कोई रकम अपने पास नहीं रखते हैं और वो सारी रकम अपने भक्तों पर खर्च कर देते हैं।
नारायण हरि खुद को हरि का शिष्य कहते हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके काफी अनुयायी हैं। हादसे के बाद से फिलहाल बाबा, उनकी पत्नी और सहयोगी सभी फरार चल रहे हैं।
अपनी खुद की प्राइवेट आर्मी
ऐसा भी बताया जाता है कि भोले बाबा की खुद की आर्मी भी है, जिन्हें सेवादार कहा जाता है। हर मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी कमान यही सेवादार संभालते हैं। सेवादार देश से आने वाले श्रद्धालुओं के पानी, भोजन से लेकर ट्रैफिक की व्यवस्था करते हैं।
नारायण हरि का कनेक्शन सियासत से भी है। कुछ मौकों पर यूपी के कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा गया। इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। अखिलेश ने अपने ट्विटर पर इसकी तस्वीरें भी शेयर की थीं।
कोरोना काल में भी उड़ाई नियमों की धज्जियां
ये पहली बार नहीं है, जब 'भोले बाबा' इस तरह के विवादों में घिरे। इससे पहले कोरोना के दौरान भी उन्होंने फर्रुखाबाद में ऐसा ही सत्संग किया था।
तब जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत दी थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए थे।
पुलिस ने कहा कि जिस जगह पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था, वो भीड़ के हिसाब से काफी ज्यादा छोटा था। घटना की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है और आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।