भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए चीफ के नाम का ऐलान कर दिया गया है। डॉ. वी. नारायणन ISRO के नए प्रमुख होंगे। वह 14 जनवरी को मौजूदा चीफ एस. सोमनाथ की जगह लेंगे। 7 जनवरी (मंगलवार) को देर रात नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। उनका कार्यकाल 2 साल का होगा। बता दें कि सोमनाथ ने 14 जनवरी, 2022 को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतरिक्ष विभाग के सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। डॉ. नारायणन मौजूदा समय में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के डायरेक्टर हैं। वे ISRO में एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं।
डॉ. वी नारायणन ने करीब चार दशकों तक अंतरिक्ष संगठन में कई अहम पदों पर काम किया है। उन्होंने रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन में विशेषज्ञता हासिल की है। उन्होंने जीएसएलवी एमके इल वाहन के सी25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक भी थे।
जानिए कौन हैं डॉ. वी नारायणन
डॉ. नारायणन ISRO में एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने GSLV Mk III के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में काम किया है। उनकी अगुवाई में टीम ने C25 स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया। यह GSLV Mk III का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। डॉ. नारायणन के नेतृत्व में LPSC ने कई ISRO मिशनों के लिए 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम और कंट्रोल पावर प्लांट दिए हैं। उन्होंने PSLV के दूसरे और चौथे चरण के निर्माण पर भी काम किया है। PSLV C57 के लिए कंट्रोल पावर प्लांट भी उनके निर्देशन में बने। आदित्य अंतरिक्ष यान और GSLV Mk-III मिशन, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के प्रणोदन प्रणालियों में भी उनका अहम योगदान रहा है।
कई पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
ISRO के वैज्ञानिक डॉ. नारायणन को कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है। इनमें आईआईटी खड़गपुर से रजत पदक, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) से स्वर्ण पदक और एनडीआरएफ से राष्ट्रीय डिजाइन पुरस्कार शामिल हैं।
सोमनाथ ने 2022 में संभाली थी कमान
बता दें कि जनवरी 2022 में एस. सोमनाथ ने ISRO चीफ की कमान संभाली थी। उनका दो साल का कार्यकाल इस महीने खत्म होने वाला है। सूत्रों के अनुसार अनुमान जताया जा रहा था कि केंद्र सरकार सोमनाथ का कार्यकाल बढ़ा सकती है। इसकी वजह ये है कि गगनयान मिशन चल रहा है। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ISRO चीफ बनने से पहले सोमनाथ विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के निदेशक और इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक थे। सोमनाथ तिरुवनंतपुरम स्थित VSSC के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।