इस साल अप्रैल-मई के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा औसत सैलरी के मामले में लद्दाख पहले पायदान पर रहा। वहां इस दौरान औसत सैलरी 42,384 रुपये प्रति माह रही। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) से यह जानकारी मिली है। दूसरे पायदान पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप रहा, जहां औसत सैलरी 35,385 रुपये रही। सबसे कम औसत सैलरी पंजाब में 16,161 रुपये प्रति माह रही। गुजरात में यह 17,503 रुपये प्रति माह थी।
ग्रामीण इलाकों में अंडमान में पुरुषों की औसत सैलरी सबसे ज्यादा
यह शहरी और ग्रामीण इलाकों पुरुष और महिलाओं की औसत सैलरी का आंकड़ा है। इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जिन्हें रेगुलर सैलरी का पेमेंट होता है। इसका मतलब है कि इसमें दिहाड़ी मजदूर और सेल्फ-एंप्लॉयड लोग शामिल नहीं हैं। ग्रामीण इलाकों की बात की जाए तो पुरुषों की सबसे ज्यादा औसत सैलरी अंडमान एवं निकाबार द्वीप में थी। वहां पुरुषों की औसत सैलरी 55,749 रुपये थी। इसके मुकाबले ग्रामीण इलाकों में देशभर में पुरुषों की औसत सैलरी 18,200 थी। ग्रामीण इलाकों में पुरुषों की सबसे कम 11,322 रुपये प्रति माह की औसत सैलरी पुडुचेरी में थी।
शहरी इलाकों में पुरुषों की सबसे ज्यादा औसत सैलरी लक्षद्वीप में
शहरी इलाकों में पुरुषों की सबसे ज्यादा औसत सैलरी की बात करें तो इस मामले में लक्षद्वीप पहले पायदान पर था। वहां पुरुषों की शहरी इलाकों में औसत सैलरी 40,054 रुपये प्रति माह थी। शहरी इलाकों में पुरुषों की सबसे कम 19,667 रुपये की औसत सैलरी पंजाब में थी। इसके बाद गुजरात का नंबर था, जहां यह हर माह 20,012 रुपये थी। देशभर में शहरी इलाकों में पुरुषों का औसत सैलरी 22,375 रुपये प्रति माह थी।
यूपी के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की औसत सैलरी सिर्फ 6333 रुपये
सैलरी के मामले में ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की स्थिति सबसे खराब थी। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की औसत सैलरी सिर्फ 6,333 रुपये प्रति माह थी। देश भर में ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की औसत सैलरी 12,396 रुपये प्रति माह थी। पुडुचेरी में ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की औसत 47,167 रुपये प्रति माह थी। यह पुरुषों के मुकाबले 4.17 गुना है। औसत सैलरी के मामले में लद्दाख और अंडमान जैसे जगह दिल्ली से आगे हैं। दिल्ली में औसत सैलरी 22,862 रुपये प्रति माह है।
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सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों में पुरुषों की सबसे ज्यादा सैलरी गोवा में
कोई इलाका सैलरी के लिहाज से कितना समृद्ध है, इसका अंदाजा वहां सेल्फ-एंप्लॉयल लोगों की पिछले 30 दिन की औसत सैलरी से लग सकता है। इसकी वजह यह है कि इंडिया में ज्यादातर लोग सेल्फ-एंप्लॉयड हैं। इस लिहाज से अप्रैल-जून में सबसे ज्यादा 45,292 रुपये प्रति माह सैलरी के साथ गोवा देश में पहले पायदान पर था। इसके बाद चंडीगढ़ का नंबर था, जहां औसत सैलरी 42,237 रुपये थी। दिल्ली 29,139 रुपये के साथ तीसरे नंबर पर थी।