PNB Scam: मेहुल चोकसी को बड़ा झटका, बेल्जियम की अदालत ने भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दी

PNB Scam: भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद मेहुल चोकसी को 11 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी मामले में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई। अभियोजकों ने बताया कि चोकसी की ज़मानत याचिकाएं कई बार खारिज की गईं, क्योंकि उसके दोबारा भागने की आशंका बनी हुई थी

अपडेटेड Oct 17, 2025 पर 11:04 PM
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मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को लेकर बेल्जियम की एंटवर्प कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।

PNB Scam: भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को लेकर बेल्जियम की एंटवर्प कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने चोकसी को भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। । यह फैसला 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मामले में भारत के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

भगोड़े मेहुल चोकसी को बड़ा झटका

अधिकारियों ने मनीकंट्रोल को बताया कि एंटवर्प की अदालत ने भारत के अनुरोध पर बेल्जियम अधिकारियों द्वारा की गई चोकसी की गिरफ्तारी को वैध माना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “अदालत का फैसला हमारे पक्ष में है। यह आदेश प्रत्यर्पण प्रक्रिया की दिशा में पहला बड़ा कानूनी कदम है।” हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा कि 66 वर्षीय मेहुल चोकसी इस फैसले के खिलाफ बेल्जियम की उच्च अदालत में अपील करने का अधिकार रखते हैं।

पीएनबी घोटाले से जुड़े इस मामले को अब तक भारत का सबसे मजबूत कदम माना जा रहा है। इस फैसले को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया जा रहा है, क्योंकि 2018 में देश से फरार होने के बाद से ही मेहुल चोकसी की तलाश कई देशों में की जा रही थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेश और गृह मंत्रालयों के साथ मिलकर बेल्जियम के अभियोजकों को चोकसी के खिलाफ ठोस सबूत और कानूनी दस्तावेज उपलब्ध कराए। चोकसी पर अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर भारत के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक- पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी को अंजाम देने का आरोप है। सीबीआई ने प्रत्यर्पण के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र के दो अंतरराष्ट्रीय समझौतों संघटित अपराध सम्मेलन (UNTOC) और भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन (UNCAC) के उल्लंघन का भी हवाला दिया है।

11 अप्रैल को किया गया था गिरफ्तार


भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद मेहुल चोकसी को 11 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी मामले में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई। अभियोजकों ने बताया कि चोकसी की ज़मानत याचिकाएं कई बार खारिज की गईं, क्योंकि उसके दोबारा भागने की आशंका बनी हुई थी। इसलिए अदालत ने उसे हिरासत से रिहा करने से इनकार कर दिया। सितंबर के मध्य में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बेल्जियम की अदालत ने माना कि उसकी गिरफ्तारी पूरी तरह वैध है। अदालत की मंजूरी के बाद अब उसकी अपील की अवधि पूरी होते ही औपचारिक प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। इससे भारत के लिए चोकसी को वापस लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।

मुंबई की आर्थर रोड जेल बनेगा नया ठिकाना 

भारत ने बेल्जियम को भरोसा दिलाया है कि मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पण के बाद पूरी तरह मानवाधिकार मानकों के अनुरूप रखा जाएगा। यह आश्वासन इसलिए दिया गया ताकि जेल की परिस्थितियों को लेकर कोई आपत्ति न उठे। पीटीआई के अनुसार, गृह मंत्रालय ने बताया कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां सुविधाएं यूरोपीय मानकों के अनुसार होंगी। इनमें अलग शौचालय, वेंटिलेशन, साफ बिस्तर, अखबारों की उपलब्धता, खुले में व्यायाम की सुविधा और टेलीमेडिसिन सेवाओं से लैस 20x15 फीट का सेल शामिल है। सरकार ने यह भी बताया कि जेल में आर्ट ऑफ लिविंग के तहत योग सत्र आयोजित होंगे, साप्ताहिक पारिवारिक मुलाकात और रोजाना वकील से मिलने की अनुमति दी जाएगी। ये सभी प्रावधान यूरोपीय समिति सीपीटी (यातना और अमानवीय व्यवहार रोकथाम समिति) के मानकों के अनुरूप हैं।

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