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Monkeypox India: भारत में मंकीपॉक्सी की दस्तक, संदिग्ध मरीज में हुई वायरस की पुष्टि, दिल्ली के LNJP अस्पताल में भर्ती

Mpox India First Case: Mpox के फिर से सामने आने और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में एक नए स्ट्रेन का पता चलने के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन को 14 अगस्त को अपने हाईएस्ट इंटरनेशनल अलर्ट लेवल की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा

अपडेटेड Sep 09, 2024 पर 8:39 PM
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Monkeypox India: भारत में मंकीपॉक्सी की दस्तक, संदिग्ध मरीज में हुई वायरस की पुष्टि

भारत में मंकीपॉक्स की दस्तक हो चुकी है। सोमवार को उस मरीज में वेस्ट अफ्रीकन क्लैड 2 के Mpox वायरस की मौजूदगी की पुष्टि की गई, जिसे एक दिन पहले बीमारी के लक्षण दिखने के बाद आइसोलेट कर दिया गया था। इसकी पुष्टि यात्रा से जुड़े संक्रमण के रूप में हुई थी। हालांकि, राहत की बात ये है कि अधिकारियों ने बताया कि क्लैड 2 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी वर्तमान पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी अलर्ट का हिस्सा नहीं है। 2022 की महामारी क्लैड 2 के कारण हुई थी, जो अभी भी पश्चिम सहित कई देशों में फैल रही है।

Mpox के फिर से सामने आने और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में एक नए स्ट्रेन का पता चलने के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन को 14 अगस्त को अपने हाईएस्ट इंटरनेशनल अलर्ट लेवल की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

DRC में क्लैड 1 स्ट्रेन कारण महामारी


DRC में महामारी क्लैड 1 स्ट्रेन के कारण हुई है, और इस सब-ग्रुप के एक नए वर्जन, वेरिएंट 1B की मौजूदगी के साथ स्थिति और ज्यादा जटिल होती जा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि मरीज स्थिर है और जनता के लिए फिलहाल कोई खतरा नहीं है।

मरीज ने ऐसे देश की यात्रा की थी, जहां Mpox का प्रकोप था और वह हाल ही में वापस लौटा और उसमें बीमारी के लक्षण दिखे। उन्होंने कहा कि लैब टेस्ट में मरीज में Mpox वायरस के पश्चिमी अफ्रीकी क्लैड 2 की पहचान की गई।

भारत में जुलाई 2022 में आए थे 30 केस

मंत्रालय ने कहा, “यह मामला जुलाई 2022 के बाद से भारत में रिपोर्ट किए गए 30 के समान है और वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल से संबंधित क्लैड 1 का हिस्सा नहीं है।”

मंत्रालय ने कहा, "रोगी चिकित्सकीय रूप से स्थिर है और उसे कोई सिस्टमैटिक इलनेस या कोमोरबिडिटी नहीं है।"

मंत्रालय ने आगे कहा, “मामला पहले के जोखिम आकलन के अनुरूप है और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार मैनेज किया जा रहा है। स्थिति पर काबू पाने के लिए संपर्कों का पता लगाने और निगरानी सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय सक्रिय रूप से लागू हैं। इस समय जनता के लिए किसी व्यापक जोखिम का कोई संकेत नहीं है।”

कांगो को मिली पहली वैक्सीन

इस बीच, Mpox प्रकोप के केंद्र, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो को गुरुवार को अपनी पहली वैक्सीन मिली। स्वास्थ्य मंत्री के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, DRC में 19,000 से ज्यादा Mpox मामले और 650 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं।

200,000 डोज में से लगभग आधी खुराक यूरोपीय संघ की ओर से दान की गई थी और इसके प्रसार से लड़ने के लिए हफ्ते के आखिर तक आनी थी।

Mpox संक्रमित जानवरों की ओर से मनुष्यों में प्रसारित होने वाले वायरस के कारण होता है, लेकिन नजदीकी शारीरिक संपर्क के जरिए मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। कभी-कभी इसमें बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर बड़े फोड़े जैसे घाव भी होते हैं।

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