Subsidy For Farmers: किसानों को धान नहीं बोने पर मिलेंगे 7000 रु प्रति एकड़, जानिए क्या है सरकार की नई स्कीम

Subsidy For Farmers: हरियाणा सरकार ने मेरा पानी मेरा विरासत योजना का ऐलान किया है। जिसके तहत धान की खेती छोडकर अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी। धानी की खेती से भू जल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है

अपडेटेड Jun 15, 2022 पर 2:37 PM
Story continues below Advertisement
धान की खेती छोड़ने पर किसानों को सब्सिडी मिलेगी।

Subsidy For Farmers: हरियाणा में राज्य सरकार ने सालों पुरानी पानी की समस्या को सुलझाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने धान की खेती न करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने की तैयारी की है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम का ऐलान किया है। इस स्कीम के तहत सरकार किसानों को 7,000 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी मुहैया कराएगी। जिससे उन्हें उन फसलों की खेती करने के लिए बढ़ावा मिलेगा। जिसमें कम पानी खर्च होता है।

इस योजना का लाभ सिर्फ हरियाणा के मूल निवासी किसान ही लाभ उठा सकते हैं। किसानों को धान की जगह अन्य फसलें उगानी होगी। सरकार ने यह भी कहा कि वह मक्का और दालों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। जिससे इन फसलों की खेती करने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही सरकार सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए किसानों को धान की सीधी बिजाई पर प्रति एकड़ 4,000 रुपये दे रही है। सब्सिडी हासिल करने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर विजिट करके ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। बता दें कि हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में धान की खेती हमेशा से चिंता का विषय रही है। इसकी वजह ये है कि इस फसल में बड़ी मात्रा में पानी की जरूरत होती है। जिससे इन राज्यों में जल की कमी हो जाती है। एक अनुमान के मुताबिक, एक किलो चावल पैदा करने के लिए 2,000-5,000 लीटर पानी खर्च होता है।

PM Suraksha Bima Yojana: सिर्फ 20 रुपये के प्रीमियम पर पाएं 2 लाख रुपये का फायदा, जानिए कैसे करें अप्लाई


मौजूदा समय में देश के कई राज्य इन दिनों गिरते भूजल स्तर की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में किसानों के सामने सिंचाई की गंभीर समस्या खड़ी होती दिख रही है। लिहाजा इससे निपटने के लिए सरकारें अपनी तरफ से तमाम कोशिश करती नजर आ रही हैं। हरियाणा में मोटे अनाज, तिलहन और दालों को बोने से कई अन्य फायदे भी नजर आ रहे हैं। इसमें फसल जलने से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा। इसके अलावा पशुओं को चारा भी मिल सकेगा। खाद्य तेल के आयात पर भारत की निर्भरता भी कम हो जाएगी। मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा भी बढ़ेगी।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Jun 15, 2022 2:37 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।