पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने गुरुवार को लगातार दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। तिरुवनंतपुरम में पिनराई विजयन को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। नई लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार दोपहर करीब 3:30 बजे तिरुवनंतपुरम के केंद्रीय स्टेडियम में हुआ।
केरल हाई कोर्ट ने समारोह में सिर्फ 500 लोगों को शामिल होने का आदेश दिया था। LDF संयोजक एवं माकपा के कार्यवाहक राज्य सचिव ए विजयराघवन ने LDF की राज्य समिति की बैठक के बाद कहा था कि नई वाम सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कोविड -19 स्थिति को देखते हुए सादगी से होगा जिसमें सीमित संख्या में लोग आमंत्रित होंगे।
उन्होंने बताया था कि मौजूदा कोविड -19 स्थिति को ध्यान में रखते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि समारोह में अधिकतम 500 लोगों को ही अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया था कि पिनराई विजयन के साथ 21 कैबिनेट के सदस्य भी मंत्रीपद की शपथ लेंगे।
उन्होंने कहा कि एलडीएफ में सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी माकपा के नए मंत्रिमंडल में 12 सदस्य होंगे, जबकि दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भाकपा के 4 सदस्य होंगे, वहीं केरल कांग्रेस (एम), जनता दल (एस) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से एक-एक प्रतिनिधि होंगे।
उन्होंने कहा कि चूंकि मंत्रिमंडल में 21 से अधिक सदस्य शामिल हो सकते हैं, एलडीएफ ने अपने चार सहयोगियों, जिनके पास एक विधायक हैं, को बारी बारी के आधार पर मंत्री पद साझा करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री और अन्य सभी मंत्रियों को राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के समक्ष शपथ दिलाई जाएगी। एलडीएफ ने केरल में अपने प्रतिद्वंद्वियों-कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और BJP-NDA को हराकर 99 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी है। यूडीएफ जहां केवल 41 सीटें जीत सका वहीं BJP गठबंधन चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाया।
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