28 दिसम्बर 2010
वार्ता

नई दिल्ली।
कांग्रेस की स्थापना के आज 125 साल पूरे होने पर एक अजीब सवाल यह पैदा हुआ है कि कांग्रेस के असली संस्थापक कौन थे और यह सवाल किसी राजनीतिक इतिहासकार की उपज नहीं है, बल्कि खुद कांग्रेस ने अपना जो इतिहास जारी किया है, उसमें ह्यूम को पार्टी के संस्थापक के रूप में पेश नहीं किया गया है।

पार्टी के 125 साल की वर्षगांठ पर दो खंडों में जारी पुस्तक ‘कांग्रेस एंड मेकिंग ऑफ इंडियन नेशन’ में पार्टी के उदय का जिक्र करने वाले अध्याय में ब्रिटिश प्रशासक ए. ओ. ह्यूम का जिक्र बॉम्बे के प्रथम अधिवेशन में शामिल प्रतिनिधियों में से एक प्रतिनिधि के तौर पर किया गया है।

‘इमर्जेंस ऑफ द इंडियन नेशनल कांग्रेस’ नाम से लिखे गए इस अध्याय में ह्यूम का नाम पार्टी के मुख्य संस्थापक के रूप में दर्ज नहीं है।

कांग्रेस के इस आधिकारिक इतिहास में कहा गया है कि कांग्रेस का पहला अधिवेशन दिसंबर 1885 में हुआ था, जिसमें डब्यू. सी. बनर्जी की अध्यक्षता में 72 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ह्यूम के बारे में इस अध्याय में कहा गया है कि एक स्कॉटमैन जिनका नाम ए. ओ. ह्यूम था और जो सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी थे; उन 72 प्रतिनिधियों से एक थे।

पार्टी ने यह तो माना है कि ह्यूम ने कांग्रेस को संगठित करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी, लेकिन उन्हें सीधे तौर पर कांग्रेस का संस्थापक नहीं कहा गया है।

कांग्रेस के उदय से ठीक पहले की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन बनाई और सुरेंद्र नाथ बनर्जी ने जुलाई 1876 में कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन का गठन किया। पुणे में एम. जी. रानाडे ने 1884 में सार्वजनिक सभा का गठन किया, जबकि 1884 एवं 1885 में मद्रास महाजन सभा और बॉम्बे प्रेसीडेंसी एसोसिएशन की स्थापना हुई। इन सबसे एक अखिल भारतीय संगठन बनने की जमीन तैयार हो गई थी।

वर्ष 2010 अतीत के आईने में!