कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल इसकी पुष्टि करते हुए, "कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में LoP नियुक्त किया गया है।" 10 साल में ये पहली बार होगा कि लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता होगा, क्योंकि अकेले 99 सीटें जीतने वाली कांग्रेस अब इस पद की हकदार है। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी को संसद में विपक्ष का नेता नियुक्त करने के लिए वन लाइन प्रपोजल भी पारित किया था।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पार्टी के इस फैसले के बारे में सूचित करते हुए लोकसभा के ‘प्रोटेम स्पीकर’ (अस्थायी अध्यक्ष) भर्तृहरि महताब को एक पत्र भेजा है।
राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं। उन्होंने मंगलवार को लोकसभा सदस्यता की शपथ ली।
उन्होंने केरल की वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया है, क्योंकि नियम के अनुसार, एक सांसद किसी की एक संसदीय क्षेत्र का नेता बन कर रह सकता है।
पार्टी ने वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में राहुल की बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा है।
2014 से खाली है LoP का पद
विपक्ष के नेता का पद 2014 से खाली है, क्योंकि कोई भी विपक्षी दल 10 प्रतिशत सीटें हासिल करने में कामयाब नहीं हुआ है।
2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की हार के बाद, सबसे पुरानी पार्टी लोकसभा में 44 सीटों पर सिमट गई।
2014 की हार के बाद, सत्तारूढ़ BJP सरकार ने नियुक्त अध्यक्ष के जरिए कांग्रेस पार्टी के नेता को विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया था।
2019 में, हालांकि कांग्रेस ने अपनी सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार किया, फिर भी वो LoP पद का दावा करने के लिए जरूरी 54 सीटों से पीछे रह गई।