Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने बताया कि विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। साथ ही CM सुक्खू ने विक्रमादित्य नाराजगी पर कहा कि उनकी जो शिकायतें हैं, उन्हें भी दूर किया जाएगा। उधर हिमाचल प्रदेश विधानसभा बुधवार को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट और सरकार को संचित निधि से 6,24,21.73 करोड़ रुपए खर्च करने के लिए अधिकृत करने वाले विनियोग विधेयक पारित होने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "मैंने विक्रमादित्य सिंह से बात की है और वह मेरे छोटे भाई हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। उनकी कुछ शिकायतें हैं, जिन्हें सुलझा लिया जाएगा।"
CM सुक्खू ने आगे बताया, " राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में से एक ने कहा है कि उन्हें माफ कर दें, क्योंकि उन्होंने पार्टी को धोखा दिया है। हालांकि, राज्य के लोग उन्हें जवाब देंगे।"
इससे पहले खबर आई कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट को देखते हुए अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हो गए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने उनसे इस्तीफा देने को तैयार रहने के लिए कहा था।
हालांकि, इसके कुछ देर बाद ही सुक्खू ने इन सभी खबरों और अटकलों का खंडन कर दिया। उन्होंने कहा, "न तो आलाकमान और न ही किसी और ने मुझे इस्तीफे की मांग की है। और न ही मैंने इस्तीफा दिया है।"
उन्होंने BJP को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "राज्य के BJP नेताओं को अपने ही लोगों पर भरोसा नहीं है। CRPF तैनात की गई, हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हिमाचल की जनता और विधायक हमारे साथ हैं। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम पांच साल तक सरकार चलाएंगे।"
विपक्ष की गैर-मौजूदगी में बजट हुआ पास
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायकों की अनुपस्थिति में विधानसभा से बजट पारित किया गया, क्योंकि पार्टी के 15 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया और बाकी 10 सदस्यों ने विरोध में सदन से वॉक आउट कर दिया था।
मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की ओर इस्तीफे की घोषणा के बाद राजनीतिक उठापटक के बीच विधानसभा को निर्धारित समय से एक दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया।
बजट 17 फरवरी, 2024 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से पेश किया गया था, जिनके पास वित्त विभाग भी है। 19 से 22 फरवरी तक सदन में बजट पर चर्चा हुई।