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Kanwar Yatra Row: यूपी सरकार के 'नेमप्लेट' वाले आदेश का मामला पहुंचा अदालत, सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगा सुनवाई

Kanwar Yatra Nameplate Row: मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से कांवड़ यात्रा रूट पर सभी होटल और दुकानों को अपने मालिकों के नाम लिखने के लिए कहे जाने के कुछ दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इस विवादित आदेश को पूरे राज्य में लागू करने का ऐलान कर दिया है

अपडेटेड Jul 21, 2024 पर 10:57 PM
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Kanwar Yatra Row: यूपी सरकार के 'नेमप्लेट' वाले आदेश का मामला पहुंचा अदालत

सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें कहा गया है कि कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली दुकान, होटल और ठेले वालों को अपने मालिकों की नेम प्लेट लगानी होंगी। जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच गैर सरकारी संगठन (NGO) ‘एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर सकती है।

मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से कांवड़ यात्रा रूट (Kanwar Yatra) पर सभी होटल और दुकानों को अपने मालिकों के नाम लिखने के लिए कहे जाने के कुछ दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इस विवादित आदेश को पूरे राज्य में लागू करने का ऐलान कर दिया है।

NDA में फैसले की आलोचना


इस हफ्ते की शुरुआत में मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से जारी आदेश की विपक्षी दलों और केंद्र में सत्तारूढ़ NDA के कुछ सदस्यों ने आलोचना की है। उनका कहना है कि यह मुस्लिम व्यापारियों को लक्षित करता है।

वहीं राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्‍य मंत्री जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कांवड़ यात्रा रूट पर नेमप्लेट वाले उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की रविवार को मांग की।

अब भी समय है, वापस लिया जाए फैसला: जयंत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल RLD के राज्यसभा सदस्य चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "ऐसा लगता है कि ये आदेश बिना सोचे-समझे लिया गया है और सरकार इस पर इसलिए अड़ी हुई है, क्योंकि निर्णय हो चुका है। कभी-कभी सरकार में ऐसी चीजें हो जाती हैं।"

ये पूछे जाने पर कि क्या निर्णय वापस लिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, "अब भी समय है कि इसे (वापस) लिया जाए या सरकार को इस (लागू करने) पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए।"

‘Mcdonald's’ और ‘Burger King’ क्या लिखेगा?

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा, "कांवड़ की सेवा सभी करते हैं। कांवड़ की पहचान कोई नहीं करता और न ही कांवड़ सेवा करने वालों की पहचान धर्म या जाति से की जाती है।"

सरकार के फैसले का विरोध करते हुए चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने यह फैसला बहुत सोच समझकर नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को धर्म और जाति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, "सब अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं, पर ‘Mcdonald's’ और ‘Burger King’ क्या लिखेगा?’’

MP में भी UP जैसा आदेश जारी

शीर्ष अदालत में याचिका ऐसे समय आई, जब मध्य प्रदेश में भी इसी तरह के आदेश जारी होने की खबर है। उज्जैन के मेयर मुकेश ततवाल ने शनिवार को कहा कि उल्लंघन करने वालों को पहली बार 2,000 रुपए और दूसरी बार इस आदेश की अवहेलना करने पर 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा।

उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि यह उपाय MP दुकान स्थापना अधिनियम या गुमास्ता लाइसेंस के तगत है, और ये ग्राहक सुरक्षा को बढ़ाने का काम करता है।

न्यूज एजेंसी PTI ने मेयर के हवाले से कहा, “उज्जैन एक धार्मिक और पवित्र शहर है। लोग यहां धार्मिक आस्था लेकर आते हैं। उन्हें उस दुकानदार के बारे में जानने का अधिकार है, जिसकी वे सेवाएं ले रहे हैं। अगर कोई ग्राहक असंतुष्ट है या ठगा गया है, तो दुकानदार की डिटेल जानने से उन्हें निवारण पाने की अनुमति मिलती है।”

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