गुजरात सरकार में व्यापक राजनीतिक बदलाव के तहत, शुक्रवार को होने वाले बड़े कैबिनेट फेरबदल से पहले सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूदा कैबिनेट के एकमात्र सदस्य हैं, जो पद पर बने रहेंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक बैठक में लिया गया, जहां केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों से राज्य सरकार को अवगत कराया गया। बैठक के बाद, सभी 16 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को अपने इस्तीफे सौंप दिए, जो आज रात राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंपेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में शुक्रवार सुबह 11.30 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई जाएगी।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि गुजरात BJP अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा ने मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल के पूर्ण पुनर्गठन के लिए पद छोड़ने का निर्देश दिया था, जिसे भविष्य के चुनावों से पहले भाजपा की बड़ी संगठनात्मक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान गुजरात मंत्रिमंडल में 16 सदस्य हैं, जिसे बढ़ाकर 26 किया जाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नई टीम में युवा और अनुभवी नेता होंगे, जिसका उद्देश्य सभी समुदायों में जातिगत संतुलन बनाए रखना है।
यह कदम गुरुवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक बैठक के बाद उठाया गया, जिसमें BJP के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) सुनील बंसल और मुख्यमंत्री पटेल शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, बंसल और पटेल ने हर एक मंत्री से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनके इस्तीफे लेने से पहले उन्हें केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से अवगत कराया।
पार्टी नेताओं ने कहा कि ये इस्तीफे अगले दौर की राजनीतिक और संगठनात्मक चुनौतियों से पहले राज्य मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की भाजपा की योजना का हिस्सा हैं।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि गुजरात भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा ने इस प्रक्रिया का समन्वय किया और मंत्रियों को नेतृत्व के फैसले से अवगत कराया। इस फेरबदल को आगामी चुनावों से पहले नई ऊर्जा का संचार करने और जातिगत व क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व में संतुलन बनाने की भाजपा की व्यापक रणनीति के तहत देखा जा रहा है।