बेंगलुरु की एक अदालत ने शुक्रवार को जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता और सांसद प्रज्वल रेवन्ना को छह जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते 33 साल के प्रज्वल को शुक्रवार तड़के जर्मनी के म्यूनिख से लौटने के बाद गिरफ्तार किया गया था। कई महिलाओं के कथित यौन शोषण के वीडियो सामने आने के बाद हासन से सांसद प्रज्वल जर्मनी चले गए थे। प्रज्वल पर कई महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है।
प्रज्वल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) उनसे पूछताछ करेगी। SIT ने मेडिकल जांच के बाद प्रज्वल को अदालत में पेश किया, जिसने उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
महिला IPS अधिकारी ने की गिरफ्तारी
रेवन्ना की वापसी के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, "प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी के म्यूनिख से लगभग 12.40 बजे -12:50 बजे सुबह उतरे। क्योंकि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट था। SIT उन्हें गिरफ्तार कर लिया और हिरासत में ले लिया और आगे की कानूनी प्रक्रियाओं का वे आज पालन करेंगे। मुझे अभी इस पर अपने अधिकारियों से चर्चा करनी है।"
प्रज्वल रेवन्ना बृहस्पतिवार देर रात जब विमान से बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उतरे, तो वहां मौजूद महिला IPS अधिकारियों के नेतृत्व वाली महिला पुलिसकर्मियों की एक टीम उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट की तामील करने के लिए उनका इंतजार कर रही थी।
मीडिया ट्रायल न करने की अपील
इस बीच, प्रज्वल रेवन्ना के वकील ने शुक्रवार को कहा कि सांसद प्रज्वल उनके खिलाफ जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) का पूरा सहयोग कर रहे हैं और उन्होंने इस मामले में ‘मीडिया ट्रायल’ नहीं किए जाने का अनुरोध किया है।
ऐसी खबरें हैं कि प्रज्वल ने अपने फोन से सबूत नष्ट कर दिए हैं और वो दावा कर रहे हैं कि उनका फोन खो गया है। इस बारे में सवाल किए जाने पर कर्नाटक के मंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और इस बारे में एसआईटी से भी कोई जानकारी नहीं मिली है।
यह पूछे जाने पर कि क्या गिरफ्तारी में देरी हुई, गृह मंत्री ने कहा कि यदि प्रज्वल देश या राज्य में होते तो उन्हें पकड़ने के लिए एक दल भेजा जा सकता था, लेकिन वह विदेश में थे इसलिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन किया जाना था।