Ratan Tata: मां-बाप का तलाक, पिता के साथ मतभेद, रतन टाटा के पास कुछ था तो सिर्फ दादी का सपोर्ट, कहानी पढ़कर हो जाएंगे इमोशनल
Ratan Tata Death: रतन टाटा ने पॉपुलर फेसबुक पेज "Humans of Bombay" से बातचीत में बताया था कि उनके माता-पिता के तलाक का उनपर और उनके भाई पर क्या असर हुआ। अपने पिता के साथ रतन टाटा की क्यों नहीं बनती थी। जिंदगी भर दादी का सपोर्ट मिलना और अपने नाकाम प्यार पर भी टाटा ने खुलकर बात की थी
Ratan Tata: रतन टाटा ने बताया कि माता-पिता के तलाक का उनपर और उनके भाई पर क्या असर हुआ
रतन टाटा ने आज इस दुनिया से अलविदा कह दिया। उनके जाने से मानो एक युग का अंत हो गया। आमतौर पर इस नामचीन हस्तियां अपनी पर्सनल लाइफ या उससे जुड़ी बातों को सार्वजनिक नहीं करते हैं, लेकिन रतन टाटा कुछ और ही थे। एक बार खुद रतन टाटा ने अपने निजी जीवन की दिलचस्प जानकारियां उजागर की थीं।
रतन टाटा ने पॉपुलर फेसबुक पेज "Humans of Bombay" से बातचीत में बताया था कि उनके माता-पिता के तलाक का उनपर और उनके भाई पर क्या असर हुआ। अपने पिता के साथ रतन टाटा की क्यों नहीं बनती थी। जिंदगी भर दादी का सपोर्ट मिलना और अपने नाकाम प्यार पर भी टाटा ने खुलकर बात की थी।
कैसा बीता बचपन?
रतन टाटा ने कहा, उनका बचपन खुशहाल था, लेकिन जैसे-जैसे वो और उनके भाई बड़े हुए, पेरेंट्स के तलाक की वजह से उन्हें काफी दिक्कत हुई थी। उन्होंने ने कहा कि उन दिनों आज की तरह तलाक आम बात नहीं थी।
रतन टाटा ने बताया कि उनकी दादी ने उनका हर तरह से सपोर्ट किया। उन्होंने ने कहा, "हमारी दादी ने हमें यह सिखाया कि किसी भी कीमत पर आत्मसम्मान को बचाकर रखना चाहिए। यह बात आज तक मेरे साथ है।"
स्कूल में परेशान करते थे बच्चे
रतन टाटा ने बताया कि उनकी मां की दूसरी शादी करने के बाद स्कूल के लड़के उन्हें और उनके भाई को परेशान करते थे। उन्होंने कहा,"हम किसी भी तरह उस सिचुएशन से निकलना चाहते थे। हालांकि, हमने उन हालात का जमकर मुकाबला किया।"
रतन टाटा ने कहा,"मुझे अभी भी याद है कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद वह मुझे और मेरे भाई को गर्मी की छुट्टियों के लिए लंदन लेकर गई थीं। वहां हमारे आत्मसम्मान को काफी चोट पहुंची। वह हमें यह मत बताना, इसके बारे चुप रहो जैसी बातें कही गईं। तब हमारे दिमाग में यह बात बैठ गई कि आत्मसम्मान सबसे ऊपर है।"
रतन टाटा के पिता के साथ मतभेद
रतन टाटा ने अपने पिता के साथ मतभेद पर भी काफी बातें कीं। उन्होंने बताया, "मैं वायलीन बजाना सीखना चाहता था, लेकिन मेरे पिता ने मुझे पियानो सीखने के लिए
मजबूर किया। मैं अमेरिका के कॉलेज में जाना चाहता था, लेकिन उन्होंने ने मुझे UK जाने के लिए मजबूर किया। मैं एक आर्किटेक्ट बनना चाहता था, लेकिन उन्होंने ने मुझपर इंजीनियर बनने का दबाव बनाया।"
उन्होंने याद किया कि दादी के सपोर्ट की वजह से फिर उनका एडमिशन अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी मे हुआ। टाटा ने बताया कि यह उनकी दादी का ही सपोर्ट था, जिसकी वजह से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के बावजूद उन्होंने कोर्स बदलकर आर्किटेक्चर ले लिया।
कॉलेज खत्म होने के बाद रतन टाटा को लॉस एंजेल्स की एक आर्किटेक्चर कंपनी में नौकरी मिल गई। यहां उन्होंने दो साल तक काम किया। इसी शहर में उन्हें प्यार भी हुआ और "लगभग शादी" होने वाली थी।
जब मिला रतन टाटा को अपना प्यार
रतन टाटा ने कहा,"यह बहुत अच्छा वक्त था। मौसम बहुत अच्छा था। मेरे पास कार थी और मुझे अपनी नौकरी बहुत पसंद थी।" हालांकि, दादी की तबीयत ठीक न रहने के कारण उन्हें वापस लौटकर आना पड़ा। भारत लौटने पर उनका रिश्ता खत्म हो गया, क्योंकि जिनसे उन्हें प्यार था वह भारत आने को तैयार नहीं हुईं।
रतन टाटा ने कहा, "मैं उससे मिलने आया और मैं चाहता था कि वह मेरे साथ इंडिया आए और शादी करे, लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध की वजह से उसके परिवार वाले उसे इंडिया नहीं भेजना चाहते थे और यहीं यह रिश्ता खत्म हो गया।"