रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का मानना है कि कंपनी का ग्रीन पावर सेगमेंट आगे एक ग्रोथ इंजन के रूप में उभरकर आएगा। अगले 5-7 साल में यह सेगमेंट कंपनी के दूसरे बिजनेस सेगमेंट की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने ये बातें कंपनी के 2021-22 के एनुअल रिपोर्ट में शेयर धारकों को संबोधित करते हुए कही हैं।
बताते चलें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले साल अगले 3 साल में ग्रीन एनर्जी पर 10 अरब डॉलर निवेश के महत्तवाकांक्षी योजना का ऐलान किया था। इस योजना के तहत कंपनी 4 ऐसी गीगा फैक्टरी लगाएगी जो ग्रीन एनर्जी से संबंधित सभी कलपुर्जे बनाएंगी। इसके अलावा इस योजना के तहत ग्रीन एनर्जी वैल्यू चेन और इससे संबंधित भविष्य की टेक्नोलॉजी में भी निवेश किया जाएगा। कंपनी अपने इस लक्ष्य के लिए दूसरी कंपनियों के साथ भागीदारी भी करेगी।
मुकेश अंबानी ने 2021-22 के एनुअल रिपोर्ट में शेयर धारकों को संबोधित करते हुए आगे कहा है कि अगले 12 महीनों में पूरे ग्रीन एनर्जी वैल्यू चेन में RILका निवेश शुरु हो जाएगा। अगले कुछ सालों में यह निवेश बढ़ता दिखेगा। यह नया ग्रोथ इंजन अगले 5-7 साल में कंपनी के सभी दूसरे कारोबारी सेगमेटों को पीछे छोड़ने की क्षमता रखता है।
उन्होंने आगे कहा कि RIL अपने वर्तमान कारोबार में टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और क्षमता विस्तार पर फोकस बनाए रखेगा। अगले कुछ दशकों में भारत दुनिया की टॉप 3 इकोनॉमीज में से एक बन कर उभरेगा। भारत के इस लक्ष्य को हासिल करने में रिलायंस के सभी कारोबारी सेगमेंट लीडिंग रोल निभाएंगे। भारत औऱ रिलायंस दोनों का लक्ष्य ग्रीन एनर्जी में दुनिया में लीडिंग रोल निभाने की है।
RILने बताया है कि उसने काउंसिल ऑफ साइंसटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉ रघुनाथ माशेलकर (Dr Raghunath Mashelkar) की अध्यक्षता में एक न्यू एनर्जी काउंसिल का गठन किया है जो ग्रीन एनर्जी पर कंपनी को परामर्श देगी। इस 9 सदस्यीय काउंसिल में 8 ग्लोबल टेक्नोक्रेट शामिल हैं। इनमें से कई दुनिया के कई देशों के सरकारों को भी सलाह देते हैं।
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