Paris Olympics 2024: भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक में 52 साल बाद आस्ट्रेलिया को हराया
टोक्यो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडल विजेता भारत के लिए जहां श्रीजेश ने सही मायने में ‘दीवार’ की तरह काम करते हुए बहुत सारे गोल बचाए, तो हर मैच में गोल करते आए हरमनप्रीत ने उस सिलसिले को बरकरार रखा। वहीं पहली बार ओलिंपिक खेल रहे डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह और फॉरवर्ड अभिषेक ने विरोधी के रसूख से विचलित हुए बिना बेखौफ हॉकी खेली
Paris Olympics 2024: भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक में 52 साल बाद आस्ट्रेलिया को हराया
कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल और पी आर श्रीजेश की गजब की गोलकीपिंग के दम पर भारत ने 52 साल बाद ओलिंपिक में आस्ट्रेलिया को हराते हुए आखिरी ग्रुप मैच में इस दिग्गज प्रतिद्वंद्वी पर 3 . 2 से जीत दर्ज की। भारत ने आखिरी बार पुरूष हॉकी में ओलिंपिक में आस्ट्रेलिया को 1972 म्युनिख खेलों में हराया था। वहीं सिडनी ओलिंपिक 2000 में आस्ट्रेलिया से 2 . 2 से ग्रुप मैच ड्रॉ रहा था। आस्ट्रेलिया ने टोक्यो ओलिंपिक 2021 में ग्रुप मैच में भारत पर 7 . 1 से जीत दर्ज की थी ।
टोक्यो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडल विजेता भारत के लिए जहां श्रीजेश ने सही मायने में ‘दीवार’ की तरह काम करते हुए बहुत सारे गोल बचाए, तो हर मैच में गोल करते आए हरमनप्रीत ने उस सिलसिले को बरकरार रखा। वहीं पहली बार ओलिंपिक खेल रहे डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह और फॉरवर्ड अभिषेक ने विरोधी के रसूख से विचलित हुए बिना बेखौफ हॉकी खेली।
भारतीय हॉकी प्रेमियों के जख्मों पर लगा मरहम
भारत के लिए अभिषेक ने 12वें, हरमनप्रीत ने 13वें और 32वें मिनट में गोल किए। आस्ट्रेलिया के लिए क्रेग थॉमस ने 25वें और ब्लैक गोवर्स ने 55वें मिनट में गोल दागा।
इस जीत से भारतीय हॉकी प्रेमियों के उन जख्मों पर मरहम जरूर लगा होगा, जो दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम 2010 के फाइनल में 8 . 0 और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल फाइनल में 7 . 0 से मिली हार के बाद मिले थे। इस मैच से पहले ओलिंपिक में भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 मैचों में से सिर्फ तीन (1960 रोम क्वार्टर फाइनल, 1964 टोक्यो सेमीफाइनल और 1972 म्युनिख ग्रुप मैच) मैच जीते थे जबकि आस्ट्रेलिया ने छह जीते और दो ड्रॉ खेले थे ।
भारतीय टीम पूल राउंड में तीन जीत, एक ड्रॉ और एक हार के साथ बेल्जियम के बाद दूसरे नंबर पर रही और क्वार्टर फाइनल में उसका सामना पूल-A की तीसरे नंबर की टीम से होगा।
भारतीय टीम ने पहले क्वार्टर से ही काफी आक्रामक खेल दिखाते हुए शुरूआती 15 मिनट में 2 . 0 की बढत बना ली ।
भारत को पांचवें मिनट में ही गोल करने का मौका मिला
भारत को पांचवें मिनट में ही गोल करने का मौका मिला, जब जरमनप्रीत ने बायें फ्लैंक से सुखजीत को गेंद सौंपी, लेकिन वह उसे पकड़ नहीं पाए। आस्ट्रेलिया को 11वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर जेरेमी हैवर्ड का शॉट बाहर से निकल गया ।
इसके अगले मिनट भारत ने जवाबी हमला बोला और बेल्जियम के खिलाफ पिछले मैच में गोल करने वाले अभिषेक ने तूफानी शॉट पर गेंद सीधे गोल के भीतर डाल दी। आस्ट्रेलिया के गोलकीपर एंड्रयू चार्टर को समझने का समय ही नहीं मिला।
भारत ने अगले मिनट पर मिले पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत के शानदार गोल से बढत दुगुनी कर ली। हरमनप्रीत का पेरिस ओलिंपिक में यह पांचवां गोल था । पहले क्वार्टर में भारत 2 . 0 से आगे था।
आस्ट्रेलिया ने आक्रामक तेवरों के साथ वापसी की
दूसरे क्वार्टर में आस्ट्रेलियाई टीम ने आक्रामक तेवरों के साथ वापसी की और चौथे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया। इस पर गोवर्स ब्लैक के शॉट को श्रीजेश ने बड़ी चतुराई से बचाया। अगले ही पल एक और पेनल्टी कॉर्नर पर भी यही कहानी रही लेकिन शॉट शार्प लाचलान का था।
आस्ट्रेलिया के लिये पहला गोल 25वें मिनट में क्रेग थॉमस ने पेनल्टी कॉर्नर पर किया। भारत को अगले मिनट पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत गोल नहीं कर सके।
तीसरे क्वार्टर में भारत को दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत का शॉट बचा लिया गया। भारतीय टीम ने वीडियो रेफरल लिया जिसके बाद भारत को पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया और भारतीय कप्तान ने टूर्नामेंट का अपना छठा गोल करके भारत को 3 . 1 से बढत दिला दी।
ऑस्ट्रेलिया की सभी कोशिशें नाकाम
भारतीय फॉरवर्ड लाइन ने अभिषेक की अगुवाई में हमले बोलने का सिलसिला जारी रखा और दूसरी ओर आस्ट्रेलियाई टीम अपने कमजोर पेनल्टी कॉर्नर से जूझती रही। आस्ट्रेलिया को 45वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया।
आखिरी 15 मिनट में आस्ट्रेलिया ने वापसी की भरसक कोशिशें की लेकिन भारत ने 51वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया। हरमनप्रीत इस पर हालांकि गोल नहीं कर सके। दो मिनट बार भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अमित रोहिदास की फ्लिक को आस्ट्रेलियाई डिफेंडर ने बचा लिया।
भारत के लिये इसी मिनट अभिषेक ने गोल कर दिया था लेकिन आस्ट्रेलिया के वीडियो रेफरल पर उसे अमान्य कर दिया गया। आस्ट्रेलिया को 55वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिस पर गोवर्स ने गोल करके आखिरी पांच मिनट के खेल को रोमांचक बना दिया।
भारतीय डिफेंस ने आखिरी पांच मिनट जबर्दस्त संयम का प्रदर्शन करते हुए आस्ट्रेलिया के नामचीन स्ट्राइकरों को कोई मौका नहीं दिया और इसके साथ ही यह मुकाबला भारतीय हॉकी के सुनहरे इतिहास में दर्ज हो गया।