Terror Attack in J&K: जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार (20 अक्टूबर) शाम एक आतंकवादी हमले में गैर-स्थानीय दो श्रमिकों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। गोलीबारी की यह घटना APCO कैंप के पास जेड-मोड सुरंग के कैंपसाइट के पास हुई। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने जिले के गुंड इलाके में सुरंग का निर्माण कार्य में लगी एक निजी कंपनी के शिविर में रह रहे मजदूरों पर गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। हमलावरों का पता लगाने के लिए पुलिस और सेना ने इलाके की घेराबंदी कर दी है।
एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षाकर्मियों ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर इलाके की घेराबंदी कर दी है। यह हमला आतंकवादी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा किया गया था, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक पार्ट है। इस समूह ने हत्याओं की जिम्मेदारी ली है।
गंदरबल जिले को लंबे समय से शांतिपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में पहली बार गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाया गया है। यह जिला काफी हद तक शांत रहा है। जिस क्षेत्र में आज गोलीबारी हुई, वहां पिछले 10-15 वर्षों से शांति थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ग्राफिक फुटेज में दो लोग दिखाई दे रहे हैं। दोनों पुरुष और सर्दियों के लिए तैयार कैंपसाइट के पास खून से लथपथ पड़े हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि ये दोनों व्यक्ति एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना में शामिल थे। उन्होंने आतंकवादियों के हाथों उनकी मौत की निंदा की। उमर अब्दुल्ला ने X पर लिखा, "सोनमर्ग क्षेत्र के गगनगीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर कायरतापूर्ण और नृशंस हमले की बहुत दुखद खबर है। ये लोग इलाके में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना पर काम कर रहे थे। इस आतंकवादी हमले में 2 लोग मारे गए हैं और 2-3 अन्य घायल हुए हैं। मैं निहत्थे निर्दोष लोगों पर इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।"
गांदरबल में आतंकियों ने यह टारगेट हमला ऐसे समय में किया है जब कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में बिहार के एक मजदूर का गोलियों से छलनी शव बरामद किया गया था। हमला ऐसे समय हुआ जब कश्मीर में काम करने वाले प्रवासी मजदूर दिवाली और छठ के लिए अपने जाते हैं। बर्फबारी से वहां काम भी बंद हो जाता है इसलिए कश्मीर में मजदूरों की जरूरत कम होती है। इसी का फायदा उठाकर ये आतंकी इन प्रवासी मजदूरों पर हमला करते और दहशत का माहौल दिखाने की कोशिश करते हैं।