Credit Cards

कभी गलियों में घूमकर बेचते थे छोटी-छोटी चीजें, आज 1.3 अरब डॉलर की कंपनी के मालिक हैं रिजवान साजन

बचपन में सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद रिजवान साजन पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। घर चलाने के लिए उन्हें स्ट्रीट वेंडर तक का काम करना पड़ा। चाचा के बुलाने पर वह नौकरी करने कुवैत चले गए। लेकिन, सद्दाम हुसैन के कुवैत पर हमले के बाद उन्हें मुंबई लौटने को मजबूर होना पड़ा

अपडेटेड Apr 14, 2023 पर 10:11 PM
Story continues below Advertisement
55 साल के रिजवान आज एक अरबपति हैं। Danube Group का टर्नओवर 1.3 अरब डॉलर से ज्यादा है।

बचपन में सिर से पिता का साया हट जाने की कल्पना की जा सकती है। रिजवान साजन (Rizwan Sajan) सिर्फ 16 साल के थे, जब उनके पिता का निधन हुआ। उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। उन्होंने गलियों में घूमकर छोटी-छोटी चीजें बेचनी शुरू कर दी। फिर, किताबों से लेकर स्टेशनरी बेचने का काम शुरू किया। शाम में अतिरिक्त कमाई के लिए घर-घर दूध पहुंचाना शुरू किया। इस दौरान उनके चाचा की मदद उन्हें मिलती रही। 18 साल के होने पर चाचा ने उन्हें कुवैत में एक नौकरी दिलाई। यह बात 1981 की है। रिजवान ने हर 18,000 रुपये सैलरी पर सेल्स ट्रेनी के रूप में काम करना शुरू कर दिया।

कुवैत पर सद्दाम हुसैन के हमले से जिंदगी पटरी से उतर गई

करीब 8 साल तक कुवैत में काम करने के बाद रिजवान का प्रमोशन सेल्स मैनेजर पोस्ट पर हो गया। लेकिन, 1990 में सद्दाम हुसैन के कुवैत पर हमला करने के बाद रिजवान की जिंदगी भी पटरी से उतर गई। खाड़ी युद्ध शुरू होने के बाद वह मुंबई लौट गए। उन्होंने फिर से नौकरी तलाशनी शुरू कर दी। उन्हें दुबई में एक नौकरी के बारे में पता चला। यह काम ब्रोकरेज के धंधे से जुड़ा था। कंपनी बिल्डिंग मैटेरियल सहित कई तरह के बिजनेस में थी। बिजनेस को अच्छी तरह समझने के बाद रिजवान ने नौकरी छोड़ बिल्डिंग मैटेरियल की अपनी कंपनी शुरू करने का फैसला किया। इसके साथ ही Danube का जन्म हुआ।


1.3 अरब डॉलर है Danube Group का टर्नओवर

55 साल के रिजवान आज एक अरबपति हैं। Danube Group का टर्नओवर 1.3 अरब डॉलर से ज्यादा है। 1993 में शुरुआत के बाद से इस ग्रुप में कई बिजनेस शामिल हो चुके हैं। इनमें बिल्डिंग मैटेरियल कंपनी, एक रियल एस्टेट फर्म और एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी शामिल है। स्ट्रीट वेंडर से करियर शुरू करने वाले रिजवान की गिनती आज UAE के एक सबसे अमीर इंडियन बिजनेसमैन में होती है।

बचपन में सीख लिया था मुश्किलों से लड़ना

रिजवान ने गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, "चीजें बहुत मुश्किल थीं। मेरे पिता स्टील कंपनी में एक सुपरवाइजर थे। वह हर महीने 7000 रुपये कमाते थे। इस पैसे में घर चलाने में बहुत दिक्कत आती थी। स्कूल की फीस के साथ घर चलाना काफी मुश्किल था।" ऐसे में पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद की स्थिति की कल्पना की जा सकती है। लेकिन, रिजवान ने हिम्मत नहीं हारी। आज उनकी कहानी फर्श से अर्श पर पहुंचने का एक सटीक उदाहरण है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Apr 14, 2023 12:18 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।