केरल के वायनाड में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है... कहीं गांव बह गया, सड़के और पुल पानी में समा गए और नदियों में पानी के बहाव में बहती दिखीं लाशें.. दक्षिणी राज्य के एक हिस्से से कुछ ऐसी ही खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं। जैसे ही वायनाड में मूसलाधार बारिश हुई, चूरलमाला गांव का एक बड़ा हिस्सा बह गया। ये शहर के सबसे भीषण भूस्खलन में से एक है। बचावकर्मी, जिन्हें जिंदा बचे लोगों की मदद के लिए लगाया गया था, उनका कहना है कि उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं है कि इस आपदा का कितना ज्यादा असर पड़ा है या पड़ेगा।
रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इलाके में एक के बाद एक तीन भूस्खलन हुए। भारी भूस्खलन के बाद दुकानों और गाड़ियों सहित चूरलमाला शहर का एक हिस्सा पूरी तरह नष्ट हो गया।
Onmanorama के मुताबिक, जिला प्रशासन ने आठ लोगों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन अधिकारियों को डर है कि ये संख्या ज्यादा हो सकती है, क्योंकि इलाके का एक बड़ा हिस्सा विनाश के कारण अभी पहुंच से ज्यादा दूर है।
अट्टमाला में, ग्रामीणों को नदी में छह शव मिले, जिनके बारे में उनका कहना है कि वे मुंडक्कई से बहकर आए होंगे। लोगों ने बताया कि आठ मीटर लंबी नदी अब उग्र नदी की तरह बह रही है।
200 से ज्यादा घर भूस्खलन में बह गए
स्थानीय लोगों ने बताया कि चूरलमाला गांव में 200 से ज्यादा घर भूस्खलन में बह गए हैं। बचाव अभियान अभी तक मुंडक्कई तक नहीं पहुंच पाया है, क्योंकि दोनों गांवों को जोड़ने वाला पुल पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि जिलों के ऊपरी इलाकों में पहाड़ियों पर अभी भी छोटे भूस्खलन हो रहे हैं। इलाकों से संपर्क टूट जाने के कारण अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि लोग अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं या नहीं।
इसी सड़क पर चूरलमाला से कुछ किलोमीटर दूर मुंडक्कई गांव में ये पता नहीं लगाया जा सका है कि आपदा कितनी खौफनाक है, क्योंकि पूरा इलाका अलग-थलग पड़ गया है।
वायनाड में 54 लोगों की हुई मौत
वायनाड भुस्खलन (Wayanad Landslide) से मरने वालों की संख्या बढ़कर 63 हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और वायनाड के हालात का जायजा लिया। गृह मंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
IAF के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायु सेना (IAF) ने केरल सरकार और NDRF अधिकारियों के समन्वय में, वायनाड में बचाव और राहत कार्यों के लिए एक-एक Mi-17 और ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं।
सेना ने संभाला रेस्क्यू ऑपरेशन का कमान
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पोथुकल्लू पंचायत में चलियार नदी में तीन से ज्यादा शव मिले। मेप्पडी की ढलानों से निकलने वाली नदियां चालियार की सहायक नदियां हैं। चालियार का जल स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है, क्योंकि मेप्पडी के भूस्खलन से पानी और कीचड़ सीधा नदी में गिर रहा है।
वेलिंगटन, कुन्नूर से सेना की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन करने और मुंडक्कई तक पहुंचने के लिए एक पुल बनाने के लिए वायनाड पहुंच गई है। स्थानीय लोग अलग-अलग दूरदराज के गांवों में बचाव कार्यों में लगे हैं। चूरलमाला से कुछ किलोमीटर दूर अट्टामाला में छह शव बरामद किए गए।
मेप्पडी, विथिरी और वडुवंचल सहित इकोसिस्टम के हिसाब से संवेदनशील इलाकों में पिछले 24 घंटों में मूसलाधार बारिश हुई। क्षेत्र में मौसम के मिजाज पर नजर रखने वाले ह्यूम सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड वाइल्डलाइफ बायोलॉजी के मौसम केंद्रों के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में वेस्टर्न घाट एरिया के कई जगहों पर 300 mm से ज्यादा बारिश हुई।