HDB Financial Services IPO: एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की सहयोगी कंपनी 'HDB फाइनेंशियल सर्विसेज' का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) जुलाई के मध्य तक लॉन्च हो सकता है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से यह जानकारी मिली है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज अपने आईपीओ से करीब 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इसके साथ ही यह इस साल का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। यह हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज का रिकॉर्ड तोड़ेगा, जिसने फरवरी में 8,750 करोड़ रुपये का IPO लॉन्च किया था।
सूत्रों के मुताबिक, HDB फाइनेंशियल इस समय अपना अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉसपेक्ट्स (UDRHP) तैयार कर रही है, जो कि अंतिम रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) फाइल करने से पहले का जरूरी कदम है। अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉसपेक्ट्स (UDRHP) को इस महीने के अंत तक SEBI के पास जमा किया जा सकता है। इसके बाद शेयर बाजार के सेंटीमेंट को देखते हुए जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में IPO को लॉन्च किया जा सकता है।
SEBI से कंपनी को IPO के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने अक्टूबर 2024 में आईपीओ लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास आवेदन जमा कराए थे। इस आवेदन को मई के अंत में मंजूरी मिली। फिलहाल कंपनी की तरफ से इस खबर पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज की स्थापना 2007 में हुई थी। यह देश की सबसे बड़ी प्राइवेट बैंक, HDFC बैंक की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस यूनिट है। यह कंपनी इंडिविजुअल और कॉरपोरेट दोनों तरह के ग्राहकों को लोन मुहैया कराती है। इसके तीन मुख्य बिजनेस वर्टिकल हैं- एंटरप्राइज लेंडिंग, एसेट फाइनेंस और कंज्यूमर फाइनेंस। कंपनी सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन, कंज्यूमर लोन और लोन अगेनस्ट प्रॉपर्टी जैसे सेगमेंट में भी मजबूत स्थिति रखती है, खासकर उन ग्राहकों में जो बैंकिंग व्यवस्था से पूरी तरह जुड़े नहीं हैं।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज क्यों ला रही IPO?
कंपनी के IPO लाने की पीछे सबसे मुख्य वजह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का एक नियम है। RBI ने साल 2022 में एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत 'अपर लेयर' की कैटगरी के NBFCs को 2025 के सितंबर तक सूचीबद्ध होना अनिवार्य है।
सितंबर 2024 तक HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का कुल लोन बुक 98,620 करोड़ रुपये का था, जो मार्च 2022 से अब तक सालाना 20.93% CAGR की ग्रोथ दिखाता है। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 2,460 करोड़ रुपये हा, जो FY22 से FY24 के दौरान 55.9% CAGR की दर से बढ़ा है।
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