यह साल आईपीओ के लिहाज से काफी व्यस्त रहा है। साल के अंत में भी कंपनियों के आईपीओ लॉन्च करने का सिलसिला जारी है। अक्तूबर में एलजी इलेक्ट्रानिक्स और टाटा कैपिटल जैसी बड़ी कंपनियों के आईपीओ आए। नवंबर में भी लेंसकार्ट और ग्रो के आईपीओ के साथ यह सिलसिला जारी है। सवाल है कि क्या आप हर आईपीओ में बोली लगा रहे हैं? अगर हां तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है।
कई कंपनियों के आईपीओ में शेयरों की कीमतें ज्यादा
First Global की फाउंडर देविना मेहरा ने इनवेस्टर्स को IPO में बोली लगाने में सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी आईपीओ में बड़े इनवेस्टर्स बोली लगा रहे हैं तो उसे निवेशकों को सफलता की गारंटी के रूप में नहीं देखना चाहिए। इनवेस्टमेंट की दुनिया का कई दशकों का अनुभव रखने वाली मेहरा ने कहा कि कई कंपनियों के आईपीओ में शेयरों की कीमतें ज्यादा दिख रही हैं।
FOMO की वजह से आईपीओ में नहीं लगाए बोली
उन्होंने कहा कि अगर किसी कंपनी के आईपीओ में शेयरों की कीमतें ज्यादा नहीं हैं और कंपनी का बिजनेस अट्रैक्टिव है तो आपको इश्यू में शेयर एलॉट की संभावना कम रहेगी। उन्होंने इनवेस्टर्स को FOMO की वजह से निवेश नहीं करने की सलाह दी। फोमा का मतलब Fear of missing out होता है। कई इनवेस्टर्स दूसरों को देख इसलिए बोली लगाते हैं कि कहीं यह मौका उनके हाथ से निकल न जाए।
बड़े इनवेस्टर्स जिस प्राइस पर बेचते हैं आप उस पर खरीदते हैं
फर्स्ट ग्लोबल का फाउंडर ने कहा कि वेंचर कैपिटलिस्ट्स अक्सर आईपीओ में शेयरों की तय कीमतों के मुकाबले कम भाव पर निवेश करते हैं। उन्होंने लेंसकार्ट का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि लेंसकार्ट की अंतिम प्राइवेट फंडिंग राउंड के मुकाबले आईपीओ की वैल्यूएशन 8 गुना थी। कई आईपीओ में ऑफर फॉर सेल (OFS) का बड़ा हिस्सा शामिल होता है। इसका मतलब यह है कि बड़े इनवेस्टर्स उस कीमत पर प्रॉफिट बुक कर रहे हैं, जिस पर आप शेयरों में निवेश करने जा रहे हैं।
इनवेस्टमेंट बैंकर्स बड़े निवेशकों पर बनाते हैं निवेश का दवाब
एंकर इनवेस्टर्स के रोल के बारे में उन्होंने कहा कि कई इनवेस्टमेंट बैंकर्स बड़े इनवेस्टर्स पर आईपीओ में निवेश के लिए दबाव बना सकते हैं। ऐसा बड़े इनवेस्टर्स के साथ उनके रिश्ते की वजह से होता है। कई फंड आईपीओ पेश करने वाली कंपनी के बिजनेस को लेकर आश्वस्त नहीं होने के बावजूद मजबूरी में आईपीओ में निवेश करते हैं। उन्होंने 2021 के न्यू-एज टेक आईपीओ बूम का उदाहरण दिया। तब आईपीओ पेश करने वाली कई कंपनियों के शेयरों की बात तो छोड़ दीजिए, उनके बिजनेस तक का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं
उन्होंने Nykaa का उदाहरण दिया। कई कंपनियां आईपीओ पेश करने के दौरान बिजनेस से जुड़े अपना सबसे अच्छा डेटा पेश करती है। उसके बाद उनका प्रदर्शन खराब होने लगता है। उन्होंने स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट की आशंका से इनका किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि निवेशकों को अपने इक्विटी एसेट ऐलोकेशन का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही से कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है।